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बहन की आनी थी बारात , ट्रैक्टर से दबकर 5 भाइयों की मौत, CM ने जताया शोक

जबलपुर। नाबालिगों की नादानी शादी वाले घर के लिए इतनी भारी पड़ गई जिसका जख्म जीवन भर नहीं भर पाएगा। बहन की बारात आनी थी और ट्रैक्टर के नीचे दबने से पांच भाईयों की मौत हो गई। इनमें तीन सगे और दो चचेरे भाई थे, चार की उम्र तो 12 से 15 वर्ष थी। वहीं, रिश्तेदारों के दो बच्चे गंभीर रुप से घायल हो गए हैं।

यह भीषण हादसा जबलपुर-नरसिंहपुर रोड पर चरगवां के ग्राम तिनेटा में हुआ। मुख्यमंत्री ने मृत बच्चों के परिवार को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। वहीं प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार और घायलों के परिजनों को 10-10 हजार रुपए की सहायता राशि दी।
जानकारी के अनुसार चरगवां के तिनेटा निवासी रतन ठाकुर की बेटी प्रियंका की सोमवार को शादी थी। रात में बारात आनी थी। बारात के लिए सुबह से ही परिवार पानी के इंतजाम में लगा था, तभी किसी ने पड़ोस के गांव से टैंकर में पानी भरकर लाने की सलाह दी। इतना सुनते रतन की बहन रोशनी का बेटा बेटा धर्मेंद्र (18) ट्रैक्टर लेकर टैंकर लेने निकल पड़ा।
इस पर रतन के भाई लखन और लोचन के बेटे राजवीर (15) और लकी (12) भी ट्रैक्टर पर सवार हो गए। उन्हें देख फुफेरे भाई अनूप (12) और देवेंद्र (15) और रिश्तेदार के बेटे दलपत (12) व विकास (10) भी चलने की जिद करने लगे। सभी ट्रैक्टर चढ़ गए, जो आधा किलोमीटर जाते ही अनियंत्रित होकर 10 फीट नीचे खेत पर पलट गया। सभी बच्चे इसके नीचे दब गए। इससे धर्मेंद्र और उसके भाई राजवीर, लकी सहित अनूप और देवेंद्र की मौत हो गई। दलपत व विकास गंभीर रूप से घायल हो गए।

पानी ने ली जान

अगर पानी का संकट नहीं होता तो शायद इन पांच बच्चों की मौत नहीं होती। बताया गया है कि तिनेटा गांव में जल स्रोत के नाम पर एक कुआं और एक हैंडपम्प ही है। जल मिशन की पाइपलाइन नहीं पहुंची है। कुएं के सूख जाने के कारण किसी पारिवारिक समारोह के लिए दूर दूसरे गांव से टैंकर से पानी लाना पड़ता है। आदिवासी परिवार के ये बच्चे पानी लेने के लिए जाते समय हादसे का शिकार हुए। गांव पहुंची एसडीएम मीशा सिंह से ग्रामीणों ने पानी के संकट की शिकायत की है।

सीएम ने जताया शोक

हादसे पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संवेदना व्यक्त की है। एक्स पर उन्होंने मृत बच्चों के परिवार को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, वहीं घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। उधर, हादसे की सूचना पर कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह मेडिकल अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने घायल बच्चों की स्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर ने मृत बच्चों के परिवार को 50-50 हजार रुपए और घायलों के परिवार को 10-10 हजार रुपए की तत्काल सहायता मुहैया कराई।

गांव में छाया मातम

इस हादसे से गांव में मातम छा गया। एक ही परिवार के पांच बच्चों की मौत से सभी सदमे में हैं। शादी कार्य₹म निरस्त कर दिया गया है। प्रत्यक्षदर्शी जिला पंचायत सदस्य रामकुमार सैयाम ने बताया कि पांच बच्चे ट्रैक्टर के नीचे दब गए थे। तत्काल ही एम्बुलेंस के लिए फोन किया गया था, लेकिन वह देरी से आई। जब तक ट्रैक्टर को हटाकर बच्चों को निकाला गया, पांच की मौत हो चुकी थी। जबकि दो के दूर जाकर गिरने से जान बच गई। उन्हें गंभीर हालत में मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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