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एआई-पावर्ड कैमरों का कमाल! बंगलूरू-मैसूर एक्सप्रेसवे पर दो हफ्ते में भेजे 12,000 चालान

बंगलूरू-मैसूर एक्सप्रेसवे पर एआई-पावर्ड कैमरे लगाने के दो सप्ताह के भीतर, यात्रियों द्वारा किए गए कई उल्लंघनों के लिए लगभग 12,000 मामले दर्ज किए गए हैं। चालान सीधे वाहन मालिकों के मोबाइल पर भेज दिए जाएंगे। और पुलिस ने यात्रियों को दक्षिण भारत के इस पहले एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलाते समय सभी यातायात नियमों का पालन करने की चेतावनी दी है कर्नाटक पुलिस ने एक पोस्ट में लिखा, “हमारे पुलिस कैमरे बंगलूरू-मैसूर हाईवे पर काम कर रहे हैं। सिर्फ 15 दिनों में, एक्सप्रेसवे पर 12,192 यातायात उल्लंघन पकड़े गए। यदि यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण दुर्घटना होती है, तो आपके परिवार को भुगतना पड़ता है। कृपया एक बार सोचें।”

कर्नाटक के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यातायात और सड़क सुरक्षा) अलोक कुमार ने एक तस्वीर साझा की जिसे कैमरे द्वारा लिया गया था। जहां एक केएसआरटीसी चालक को मोबाइल फोन पर बात करते देखा गया था।

उन्होंने लिखा, “बंगलूरू-मैसूर हाईवे पर हमारे पावरफुल कैमरों की चील की आंखों से कोई भी उल्लंघन नहीं बच सकता है, चाहे वह दिन हो या रात। कृपया @KSRTC_Journeys गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से बचें। कृपया यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले चालक के खिलाफ कार्रवाई करें।”

इस महीने की शुरुआत में, बंगलूरू-मैसूर एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने और दुर्घटनाओं का कारण बनने वाले वाहनों का पता लगाने के लिए 60 कैमरे लगाए गए थे। ये कैमरे अनुमत गति सीमा से ज्यादा रफ्तार से चलने वाले वाहनों का पता लगाएंगे और ऑटोमैटिक तरीके से ट्रैफिक चालान जेनरेट करेंगे।
इन 60 में से 48 ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) (स्वचालित नंबर प्लेट पहचान) कैमरे हैं जो हर दिशा में छह जगहों पर लगाए गए हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भी तीन अन्य जगहों पर वीडियो कैमरे लगाए हैं। पिछले साल जुलाई में, NHAI ने इस सड़क पर सुरक्षा सुविधाओं की समीक्षा और निरीक्षण के लिए एक विशेषज्ञ समिति भेजी थी। क्योंकि इस हाईवे के शुरू होने के बाद से कई दुर्घटनाएं हुई थीं।

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