ऑफलाइन पंजीकरण बंद होने से यमुनोत्री में हालात संभले, गंगोत्री में इंतजार
उत्तरकाशी: Chardham Yatra 2024: ऑफलाइन पंजीकरण बंद किए जाने, बिना पंजीकरण धाम जाने वालों पर सख्ती बरतने और ऋषिकेश व हरिद्वार में तीर्थ यात्रियों को रोके जाने के बाद यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हालात संभले नजर आए।
हालांकि, यमुनोत्री धाम के अंतिम सड़क पड़ाव जानकीचट्टी से पालीगाड़ के बीच 35 किमी संकरे मार्ग पर वन-वे गेट सिस्टम होने से अब भी तीर्थ यात्रियों को आगे जाने के लिए पांच से सात घंटे इंतजार करना पड़ रहा है।
दूसरी तरफ, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात व्यवस्था के पटरी पर आने का इंतजार जारी है। अब भी श्रद्धालुओं को उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम के बीच की 100 किमी दूरी तय करने में 12 घंटे से अधिक लग रहे हैं। इस राजमार्ग पर गंगनानी से भैरव घाटी के बीच जगह-जगह वन-वे गेट सिस्टम है, जहां तीर्थ यात्रियों के वाहनों को रोका जा रहा है।
कपाट खुलने के बाद से चारों धाम में तीर्थ यात्रियों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। इस कारण दोनों धामों को जोड़ने वाले राजमार्गों पर यातायात व्यवस्था संभालना पुलिस-प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। इससे निपटने के लिए राजमार्गों पर जगह-जगह वन-वे गेट सिस्टम लागू किया गया है।
बावजूद इसके यात्रा शुरू होने के एक सप्ताह बाद भी हालात नियंत्रित नहीं हुए। इसके चलते शासन ने बुधवार से ऑफलाइन पंजीकरण बंद कर दिया। इसके अलावा दोनों राजमार्गों पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए गंगोत्री-यमुनोत्री जाने वाले तीर्थ यात्रियों के वाहनों को ऋषिकेश व हरिद्वार में रोका जा रहा है। इसका परिणाम यह हुआ कि शुक्रवार को सुबह से लेकर दोपहर तीन बजे तक यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित डामटा बैरियर पर तीर्थ यात्रियों के 125 वाहन ही पहुंचे।
इनमें करीब दो हजार तीर्थयात्री थे, जिन्हें पुलिस ने बड़कोट की ओर भेजा। वाहनों का दबाव घटने से राजमार्ग पर यातायात व्यवस्था सुचारु रही। शाम के समय यमुनोत्री धाम और जानकीचट्टी क्षेत्र में वर्षा हुई। इससे दर्शन कर लौट रहे तीर्थ यात्रियों को पैदल मार्ग पर खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
उधर, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर अब भी तीर्थ यात्रियों को घंटों जाम का सामना करना पड़ रहा है। गंगनानी से गंगोत्री धाम के बीच वाहनों का दबाव बना हुआ है। गंगनानी, सोनगाड़, सुक्की, झाला, कोपांग और भैरव घाटी में वन-वे गेट सिस्टम के तहत वाहनों को रोका जा रहा है।
होटल व्यवसायी धराली निवासी राजेश पंवार ने बताया कि गुरुवार दोपहर उत्तरकाशी से तीर्थ यात्रियों का एक दल धराली के लिए चला था, जो करीब 12 घंटे बाद रात दो बजे उनके होटल पहुंच पाया। दल की उनके होटल में बुकिंग थी। उत्तरकाशी से धराली की दूरी 75 किमी है। आफ सीजन में यह दूरी तय करने में अधिकतम ढाई घंटा लगता है।
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को मंदिर में दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों की लंबी लाइन नहीं लगी। उन्होंने कहा कि सुबह से लेकर दोपहर तक कम वाहन छोड़े जा रहे हैं। ऐसे में शाम की आरती के समय तीर्थ यात्रियों की भीड़ हो रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि सुबह से लेकर दोपहर दो बजे तक सभी तीर्थ यात्रियों को गंगोत्री आने दिया जाए। दो बजे के बाद तीर्थ यात्रियों को वापस भेजा जाए। पंजीकरण के बिना गंगोत्री-यमुनोत्री धाम का रुख करने वालों पर पुलिस-प्रशासन की सख्ती बरकरार है। शुक्रवार को ऐसे 500 से अधिक तीर्थ यात्रियों को उत्तरकाशी से वापस लौटाया गया। इससे पहले गुरुवार को भी बिना पंजीकरण गंगोत्री और यमुनोत्री धाम जा रहे एक हजार से अधिक तीर्थयात्री डामटा (यमुनोत्री राजमार्ग) और नगुण (गंगोत्री राजमार्ग) बैरियर से लौटा दिए गए थे। कुछ यात्री अनुमति की उम्मीद में डामटा बैरियर के पास रातभर रुके रहे, लेकिन सुबह उन्हें वापस लौटना पड़ा।