किच्छा में 400 केवी का विद्युत सबस्टेशन बनाने की तैयारी
रुद्रपुर। कुमाऊं में बिजली की निर्बाध रूप से आपूर्ति के लिए किच्छा में 400 केवी का विद्युत सब स्टेशन बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) ने सिडकुल से 15 हेक्टेयर भूमि की मांग की है। सिडकुल भूमि उपलब्ध करा देता है तो जल्द ही कार्य योजना परवान चढ़ने की उम्मीद है। उत्तराखंड बनने के बाद ऊधमसिंहनगर, देहरादून और हरिद्वार जिले में औद्योगिक आस्थान की स्थापना की गई थी। उद्योगों को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति के लिए काशीपुर व ऋषिकेश में 400 केवी के विद्युत सब स्टेशन बनाए गए थे। साल 2012 में राज्य सरकार की ओर से औद्याेगिक क्षेत्रों का विस्तार किया गया। सितारगंज में फेज टू की स्थापना हुई। कुमाऊं में अभी तो उद्योग व पर्वतीय क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति काशीपुर व बरेली के अटामांडा स्थित 400-400 केवी के सब स्टेशनों से होती है। अब सरकार की ओर से किच्छा के खुरपिया फार्म को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऐसे में वहां आने वाले नए उद्योगों को बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए सब स्टेशन बनना है। इसको देखते हुए पिटकुल की खुरपिया फार्म में 500 एमवीए के दो ट्रांसफार्मरों के साथ 400 केवी का सब स्टेशन बनाने की योजना है। पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी करीब 400 करोड़ की लागत के सब स्टेशन के प्रस्ताव पर तेजी से कार्य कर रहे हैं। सिडकुल के एमडी से खुरपिया में 15 हेक्टेयर भूमि की डिमांड को लेकर वार्ता भी की गई है। अगर खुरपिया में 400 केवी के सब स्टेशन का निर्माण होता है तो बरेली व काशीपुर सब स्टेशन पर निर्भरता नहीं रहेगी। खुरपिया औद्योगिक क्षेत्र में आने वाली नई फैक्टरियों के साथ ही रुद्रपुर-पंतनगर सिडकुल, सितारगंज सिडकुल, हल्द्वानी व कुमाऊं के सभी पर्वतीय जिलों तक निर्बाध रूप से भरपूर बिजली आपूर्ति की कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। कुमाऊं में लो-वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी। वहीं, औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रिपिंग से सप्लाई फेल होने की समस्या भी खत्म हो जाएगी।
कुमाऊं में बिजली आपूर्ति की बेहतर कनेक्टीविटी के लिए 400 केवी के विद्युत सब स्टेशन निर्माण की योजना बनाई जा रही है। भूमि न मिलने से प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पा रहा है। विभाग की ओर से सिडकुल के एमडी से खुरपियाफार्म में 15 हेक्टेयर जमीन की डिमांड की जा रही है। जमीन मिलने के बाद सब स्टेशन के निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।
-मो. शाबेज, अधिशासी अभियंता, पिटकुल पंतनगर।