उम्र पार कर चुकी हैं 12 जीवनदायिनी, फिर भी भागमभाग
अल्मोड़ा। आपातकालीन सेवा 108 मरीजों और गर्भवतियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है और इसे पहाड़ों की लाइफलाइन कहा जाता है। वर्तमान में यह सेवा बदहाली के दौर से गुजर रही है। अल्मोड़ा जिले में अधिकतर एंबुलेंस अपनी उम्र पार कर चुकी हैं, फिर भी इन्हें सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। जिले में संचालित 22 में से 12 एंबुलेंस पहाड़ों पर संचालन के मानक पूरे कर चुकी हैं। बूढ़ी एंबुलेंस आए दिन सड़कों पर हांफ रही हैं और मरीजों, गर्भवतियों की जान आफत में फंस रही है। जिला मुख्यालय सहित जिले के 11 विकासखंडों में बीमारों और गर्भवतियों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए आपातकालीन सेवा 108 की 22 एंबुलेंस का संचालन होता है। हर रोज ये एंबुलेंस 80 से अधिक मरीजों और गर्भवतियों को अस्पताल पहुंचाती हैं। 12 एंबुलेंस ऐसी हैं जो अपनी उम्र पार कर चुकी हैं और फिर भी सड़कों पर दौड़ रही हैं। मानकों के मुताबिक ये एंबुलेंस ढाई लाख किमी का सफर तय करने के साथ पांच साल की उम्र पूरी कर चुकी हैं, इन्हें उपयोग में नहीं लाया जा सकता। नई एंबुलेंस की व्यवस्था न होने से इन्हें ही सड़कों पर दौड़ाना मजबूरी बन गया है जो मरीजों और गर्भवतियों पर भारी पड़ रहा है। नई एंबुलेंस कब मिलेंगी, इसका किसी को पता नहीं है।