खजुराहो के सभी प्राणप्रतिष्ठित मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा से पूर्ण रूपेण जागृत हैँ
जगन्नाथ पुरी के शकराचार्य निश्चिंला नन्द जी महाराज के बुंदेलखंड में परमप्रिय शिष्य स्वामी राजेश्वर नन्द सरस्वती जी महाराज ने खजुराहो के मंदिरों का अवलोकन श्री मतँगेश्वर सेवा समिति के सानिध्य मे श्री श्री 1008 श्री मतँगेश्वर महाराज की ब्रह्म मुहूर्त की आरती के पश्चात किया पश्चिमी मंदिर समूह के बैकुंड विष्णु मंदिर लक्षमणा , कंदरिया महादेव, देवी माँ जगदम्बा, चित्रगुप्त, विश्वनाथ, नंदी एवं प्रतापेश्वर मंदिर के दर्शनोंपरांत स्वामी जी ने अपने विचारों की गंगा को प्रवाह देते हुए कहा कि इन मंदिरों मे भक्ति पूजन एवं दर्शन की आवश्यकता है क्योंकि यह सभी मंदिर शक्तिवान एवं विश्व को भक्ति योग तथा साधना योग के लिए अभी भी तैयार हैँ | मै इस सन्दर्भ मै पूजयनीय शंकराचार्य जी से पुनः बुंदेलखंड की धरती पर निमंत्रित कर इस समस्या का निराकरण करने का प्रयास केंद्र सरकार के द्वारा जल्द ही प्रारंभ होगा | विदित हो कि संदर्भ में पूजनीय देव प्रभाकर शास्त्री जी ( दद्दा जी ), जैन आचार्य श्री विद्यासगर जी महाराज, माँ ऋतंभरा जी, श्री मन्नत महाराज, ब्रह्मरूपी जी महाराज, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी, माउन्ट आबू से ब्रह्माकुमारी दीदी उषा बहन, श्री रावतपुरा सरकार, श्री हरिहर महाराज तथा अन्य आध्यात्मिक गुरुओं ने मंदिरों मै प्रदर्शन बंद कर दर्शन करने का संकल्प लिया | दद्दा जी इंटरनेशनल कल्चर सेंटर के पंडित सुधीर शर्मा ने 2018 मैं हुए आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चातुर्मास के पश्चात् निरंतर इस कार्य मै कार्यरत है | इसी प्रकार आगरा मे सन 2019 मे संतो को साथ लेकर ताजमहल को मंदिर मे बदलने के लिए आंदोलन किया था जिसका आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने भरपूर विरोध किया था | जल्द ही शर्मा जी समिति के सदस्यों के साथ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के उत्तराधिकारी आचार्य श्री समय सागर जी एवं पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से मुलाक़ात कर इस सम्बन्ध मे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाक़ात करेंगे | आज के इस संत भ्रमण मे त्यागी जी महाराज, वैध राज माखन जी, ओशो विलेज आश्रम के संदीप जी, जैन समाज से राकेश जैन, स्वर्णोदय तीर्थ न्यास के राजू सेठ जैन, संजय जैन, ग्रीन आर्मी के देवेंद्र चतुर्वेदी, परिवर्तन एनजीओ के राकेश राजोरिया, वीरेंद्र सीगोट, अंश बुंदेला, ख़ुशी राजे, राज परिहार, राज रैकवार ( लड्डू ) एवं भारी संख्या मे सनातन प्रेमी उपस्थित रहे |