Thu. Nov 21st, 2024

राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, सरकार ने जारी किया ये आदेश, अब लेना होगी अनुमति, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई!

छत्तीसगढ़ के सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। अब किसी भी मंत्री से मिलने के लिए अफसरों-कर्मचारियों को परमिशन लेनी होगी। बिना सूचना के मंत्रालय जाने पर कार्रवाई की जाएगी।सामान्य प्रशासन विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए यह आदेश जारी किया है।

मंत्री से मिलने के लिए अफसर-कर्मचारियों को लेनी होगी अनुमति

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश के तहत स्वास्थ्य विभाग के शासकीय सेवकों को अपनी निजी समस्या के कारण मुख्यमंत्री, मंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होने के लिए उचित माध्यम से अनुमति प्राप्त करना होगा। यदि कोई शासकीय सेवक विभागीय चैनल की अनुमति प्राप्त किए बिना मुख्यमंत्री, मंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होता है तो इस प्रकार की उपस्थिति छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 21 के अंतर्गत कदाचरण मानी जाएगी और संबंधित शासकीय सेवक के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

  • आदेश में ये भी कहा गया है कि शासकीय सेवकों एवं अन्य सेवाओं से संबंधित मामलों के निराकरण के लिए उचित माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के निर्देश पूर्व से ही दिए गए हैं।
  • उपरोक्त निर्देशों के बावजूद यह देखा जा रहा है कि शासकीय सेवकों द्वारा सीधे मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष बिना विभागीय अनुमति प्राप्त किए उपस्थित हो रहे हैं,  इस प्रकार की कार्य प्रणाली से न सिर्फ कर्मचारियों का अनुशासन प्रभावित होता है, बल्कि संबंधित कर्मचारी का भी समय व्यर्थ नष्ट होता है, जिसके कारण उनके कार्यस्थल की सेवा भी प्रभावित होती है।
  • अपर मुख्य सचिव ने चिकित्सा शिक्षा के आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं और आयुष के संचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक , प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों के डीन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जन व सह मुख्य अस्पताल अधीक्षकों तथा जिला आयुर्वेद अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है।

ये निर्देश भी हुए जारी

  • कोई व्यक्तिगत समस्या के निराकरण हेतु संबंधित शासकीय सेवक मंत्रालय में मिलने आते हैं, उनके समस्या का निराकरण संबधित विभागाध्यक्ष कार्यालय या जिला कार्यालय के स्तर से ही किया जा सकता है।
  • यदि किसी प्रकरण विशेष के निराकरण / अनुमति हेतु पत्र मंत्रालय को संदर्भित किया गया है तो संबंधित कार्यालय द्वारा ही फॉओ-अप किया जा सकता है। इस हेतु संबंधित कर्मचारी को मंत्रालय भेजने की आवश्यकता नहीं है।
  • परिपत्र के माध्यम से सभी विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि अपनी निजी समस्या के लिए मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना आवश्यक हो तब भी शासकीय सेवक को उक्त संबंध में ‘उचित माध्यम से’ सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त करनी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *