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मोदी सांसदों से बोले- राहुल की तरह पेश न आएं NDA संसदीय दल की मीटिंग में कहा- विपक्ष तीसरी बार गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बनने से परेशान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (2 जुलाई) को NDA संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया। इसमें भाजपा के सीनियर नेता, केंद्रीय मंत्रियों के अलावा सहयोगी पार्टियों के सांसद शामिल हुए। मोदी का उनके तीसरे कार्यकाल में NDA सांसदों को दिया यह पहला संबोधन था।

संसदीय दल की बैठक PM मोदी ने सांसदों को सदन में अपना आचरण ठीक रखने की नसीहत दी। सूत्रों के मुताबिक PM ने सांसदों से कहा कि वे लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरह पेश न आएं। विपक्ष परेशान है क्योंकि पहली बार कोई गैर-कांग्रेसी नेता लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बना है।

संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने मीडिया को बैठक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि PM मोदी ने NDA सांसदों को बताया कि हमें सदन में कैसा व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने गैर-जरूरी बयानबाजी से बचने की सलाह दी है। PM ने कहा कि सभी सांसद देश सेवा के लिए आए हैं। यही हमारी प्राथमिकता है।

रिजिजू ने कहा कि कल विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन में जिस तरह का व्यवहार किया, वह हमारा सबक है। उन्होंने स्पीकर की तरफ पीठ कर ली और उनका अपमान किया। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान राहुल की बातों का जवाब देंगे।

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कल लोकसभा में मोदी सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला था। राहुल ने भाजपा को 20 से ज्यादा मुद्दों पर घेरा और देश में हिंसा, नफरत, डर फैलाने का आरोप लगाया।

90 मिनट के भाषण में राहुल ने कहा- भाजपा नेता हिंदू नहीं हैं क्योंकि वे चौबीसों घंटे हिंसा और नफरत फैलाने में लगे हुए हैं। हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत, डर नहीं फैला सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर आपत्ति जताई तो राहुल ने पलटवार किया।

उन्होंने कहा- वे भाजपा के बारे में बोल रहे हैं। सत्तारूढ़ पार्टी पूरी तरह हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। मोदी जी, सत्तारूढ़ दल या RSS पूरे हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

राहुल ने भगवान शिव, गुरुनानक और ईसा मसीह के पोस्टर दिखाते हुए कहा कि उनका संदेश है- डरो मत, डराओ मत। सभी धर्म और हमारे महापुरुष अहिंसा और अभय मुद्रा की बात करते हैं, लेकिन जो खुद को हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे हिंसा, हिंसा, नफरत, नफरत करते हैं।

राहुल ने डर का उदाहरण देते हुए स्पीकर ओम बिरला को भी नहीं छोड़ा। राहुल ने ओम बिरला से कहा- 26 जून को जब आपको स्पीकर चुना गया। तब आसंदी के पास आप मोदी जी से झुककर मिल, जबकि मुझसे तनकर हाथ मिलाया।

राहुल की स्पीच के दौरान मोदी-शाह के अलावा 4 मंत्रियों ने खड़े होकर टोका
लोकसभा में राहुल गांधी के बयान पर सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी आपत्ति ली और दो बार हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा- यह मुद्दा बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत ही गंभीर विषय है। इस दौरान पांच केंद्रीय मंत्रियों ने हस्तक्षेप किया।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- खुद को हिंदू बताने में गर्व महसूस करने वाले करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। नेता प्रतिपक्ष सदन और देश से माफी मांगें। शाह ने राहुल पर पलटवार करते हुए कहा कि आपातकाल और 1984 के दंगों में कांग्रेस ने आतंक फैलाया है। राहुल को अहिंसा पर बात करने का कोई हक नहीं है।

राहुल के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। राहुल ने अग्निवीर, PM मोदी के परमात्मा से डायरेक्ट कनेक्शन और किसानों के MSP कानून की बात कही। इस पर मोदी 2 बार, शाह-राजनाथ 3-3 बार, शिवराज चौहान, किरेन रिजिजू और भूपेंद्र यादव ने एक-एक बार खड़े होकर टोका।

बाद में राहुल के बयान से कई अंशों को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। हटाए गए अंशों में हिंदुओं और पीएम नरेंद्र मोदी, BJP, RSS पर किए गए कमेंट्स भी शामिल हैं।

मंगलवार (2 जुलाई) को संसद पहुंचने पर जब राहुल गांधी को यह बताया गया तो उन्होंने कहा- मोदी जी की दुनिया में सच्चाई मिटाई जा सकती है, हकीकत में सच को नहीं मिटाया जा सकता। जो मुझे कहना था, मैंने कह दिया। वो सच्चाई है। जितना मिटाना है मिटाएं। सच्चाई, सच्चाई होती है

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