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राहुल रायबरेली आए, UP में कांग्रेस के लिए क्या बदला अखिलेश के भरोसे विधानसभा चुनाव पर नजर, प्रियंका के लिए वायनाड सबसे सेफ

भाइयों और बहनों, मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं। आपने जैसे मुझे अपना माना, वैसे ही राहुल को अपना मानकर रखना है।’ सोनिया गांधी ने चुनावी रैली में राहुल गांधी का हाथ थामकर लोगों के सामने ये बात कही।

ठीक एक महीने बाद

‘राहुल रायबरेली सीट से सांसद रहेंगे और वायनाड सीट छोड़ेंगे। उनकी जगह वायनाड से प्रियंका गांधी उम्मीदवार होंगी।’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी की ओर से ये औपचारिक ऐलान किया।

प्रियंका गांधी चुनावी राजनीति में कब उतरेंगी, खड़गे के बयान से सालों पुराने इस सवाल का जवाब मिल गया। वहीं, राहुल को साउथ से हटाकर नॉर्थ भेजने के फैसले से कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में राहुल ही पार्टी का मुख्य चेहरा रहेंगे। वे UP समेत उत्तर भारत में कांग्रेस को मजबूत करेंगे।

राहुल के रायबरेली से सांसद बनने को एक्सपर्ट्स कैसे देखते हैं, क्या वायनाड की जगह रायबरेली में राहुल का असर ज्यादा होगा, अब तक नॉर्थ में ज्यादा एक्टिव रहने वाली प्रियंका क्या साउथ में भी प्रभाव छोड़ पाएंगी, यूपी में राहुल-अखिलेश की जोड़ी का फ्यूचर क्या है, दैनिक भास्कर ने ये सवाल पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स और पॉलिटिकल पार्टियों से पूछे।

रायबरेली में गांधी फैक्टर राहुल के लिए प्लस पॉइंट
कांग्रेस में हुए बड़े बदलाव और पार्टी की गतिविधियों पर 30 साल से नजर रख रहे सीनियर जर्नलिस्ट कुमार भवेश चंद्र कहते हैं, ‘राहुल को वायनाड से रायबरेली भेजने का फैसला जरा भी चौंकाने वाला नहीं है। रायबरेली में नेताओं के चेहरे नहीं सिर्फ ‘गांधी फैक्टर’ मायने रखता है।’

भवेश कहते हैं, ‘रायबरेली सीट गांधी परिवार के लिए हमेशा घर जैसी रही है। फिरोज गांधी से लेकर राहुल गांधी तक गांधी परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी ये सीट जीतता आया है। राहुल को वहां इसलिए कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि वो रायबरेली आएं या न आएं…रायबरेली वालों का हमेशा से दिल्ली में स्वागत होता रहा है।’

रायबरेली में राहुल को 6.87 लाख वोट मिले थे। जिले के सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में उनका वोट काउंट BJP कैंडिडेट दिनेश प्रताप सिंह से ज्यादा रहा। रायबरेली में कुल 18 लाख वोटर हैं।

एक अनुमान के मुताबिक, वोटर्स में सबसे ज्यादा 40% दलित हैं। इनमें पासी बिरादरी के वोटर्स की संख्या करीब 4 लाख है। 10% लोधी, 5% कुर्मी मतदाता हैं। बाकी बचे 45% वोटर्स ब्राह्मण, यादव, सिख और मुस्लिम कम्युनिटी के हैं।

रायबरेली सीट पर 10 बार जीती कांग्रेस, 3 बार हारी
रायबरेली गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही है। 1971 और 1980 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव जीती थीं। इसके बाद साल 1989 और 1991 में शीला कौल ने कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली से जीत हासिल की।

1999 में कांग्रेस के टिकट पर कैप्टन सतीश शर्मा रायबरेली से सांसद बने। इसके बाद 2004, 2009, 2014 और 2019 में सोनिया गांधी यहां से लगातार जीती हैं। अब 2024 में राहुल गांधी यहां से सांसद चुने गए हैं।

कांग्रेस का गढ़ होने के बावजूद पार्टी को रायबरेली में 3 बार हार भी मिली है। 1977 लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी को भारतीय लोकदल के राजनारायण ने हराया था। 1996 में कांग्रेस के विक्रम कौल और 1998 में दीपा कौल चुनाव हारी थीं।

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी राज्यसभा चली गईं। उन्होंने रायबरेली की जनता को लेटर लिखा। सोनिया गांधी ने इसके आखिर में लिखा- ‘मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे, जैसे अब तक संभालते आए हैं।’

इस चिट्ठी के बाद से ही सियासी गलियारों में ये चर्चा शुरू हो गई कि प्रियंका गांधी रायबरेली से 2024 लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। 3 मई को कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की कि राहुल रायबरेली और किशोरी लाल शर्मा अमेठी से चुनाव लड़ेंगे।

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी राज्यसभा चली गईं। उन्होंने रायबरेली की जनता को लेटर लिखा। सोनिया गांधी ने इसके आखिर में लिखा- ‘मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे, जैसे अब तक संभालते आए हैं।’

इस चिट्ठी के बाद से ही सियासी गलियारों में ये चर्चा शुरू हो गई कि प्रियंका गांधी रायबरेली से 2024 लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। 3 मई को कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की कि राहुल रायबरेली और किशोरी लाल शर्मा अमेठी से चुनाव लड़ेंगे।

अखिलेश प्रताप सिंह आगे कहते हैं, ‘इसी तरह वायनाड में राहुल की जगह प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। वहां भी जो विश्वास राहुल को लेकर बना था, वैसा ही रिस्पॉन्स प्रियंका को भी मिलेगा। गांधी परिवार के दो मुख्य नेताओं के जुड़ाव से सदन में वायनाड के विकास की बातें पहले से ज्यादा प्रमुखता से रखी जाएंगी।’

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