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मक्का-सोयाबीन की फसल को ट्रैक्टर चलाकर रौंदा माफिया से निपटने 400 जवानों का फोर्स लेकर पहुंचे अफसर; 7000 एकड़ जमीन में बोई

खंडवा में जंगल की 7 हजार एकड़ जमीन पर बोयी गई सोयाबीन और मक्का की फसल को हटाया जा रहा है। जंगल में कब्जा कर चुके माफिया पर कार्रवाई के लिए सोमवार सुबह 8 बजे से फॉरेस्ट टीम पहुंची है। पुलिस और राजस्व अधिकारियों के साथ 400 जवानों का फोर्स भी मौके पर है। यह कार्रवाई नाहरमाल सेक्टर के जंगल में की जा रही है।

कब्जा हटा रही टीम को बारिश की वजह से अड़चन आ रही है। जमीन को पूरी तरह कब्जा मुक्त करने में दो से तीन दिन लग सकते हैं। खेत बन चुके जंगल में जेसीबी मशीनों से खंतियां और गड्‌ढे खोदे जा रहे हैं। फसल को ट्रैक्टर चलाकर रौंदा जा रहा है।

खंडवा जिले में करीब 10 हजार एकड़ जंगल पर माफिया का कब्जा है। सबसे ज्यादा अतिक्रमण नाहरमाल में ही है। यहां दो साल पहले 7 हजार एकड़ के जंगल को खेत बना दिया गया है। माफिया ने इस साल सोयाबीन और मक्का की फसल बोयी है।

 ने जंगल काटकर खेत बनाने और फसल बुवाई को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित की थीं। इसी हफ्ते नाहरमाल के ग्रामीणों ने भी भोपाल जाकर मुख्यमंत्री से शिकायत की। वहीं, वन विभाग भी अपने स्तर पर माफिया को खदेड़ने की योजना बना रहा था। अब जाकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।

फोर्स देख अतिक्रमणकारी मौके पर नहीं दिखे

माफिया से सख्ती से निपटने के लिए बड़ी संख्या में फोर्स मौके ले जाया गया है। यही वजह है कि कार्रवाई के दौरान अतिक्रमणकारी भी सामने नहीं आए। ग्रामीणों ने प्रशासन का सहयोग करते हुए ट्रैक्टर उपलब्ध कराए हैं। डीएफओ राकेश डामोर, एसडीएम बजरंग बहादुर, फॉरेस्ट एसडीओ संदीप वास्कले, तहसीलदार महेश सोलंकी मौके पर मौजूद हैं।खंडवा में जंगल माफिया ने 4 साल में फॉरेस्ट की 10 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया हैकी टीम जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर गुड़ी के पास भिलाईखेड़ा के जंगल पहुंची।कटाई वाला सबसे ज्यादा करीब 6 हजार एकड़ का जंगल नाहरमाल-कुमठा का है। बाकी भिलाईखेड़ा में एक हजार एकड़ और खालवा के सरमेश्वर क्षेत्र में तीन हजार एकड़ जंगल काे खेत बनाया गया है।

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