सावन में रुद्राक्ष पहनने का विचार? पहले जानें ये महत्वपूर्ण बातें और नियम
रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से व्यक्ति को शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। यह माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आँसू से उत्पन्न हुआ है और इसे धारण करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं। लेकिन रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो रुद्राक्ष के लाभ नहीं मिल पाते। इसलिए रुद्राक्ष धारण करने से पहले इन नियमों के बारे में अवश्य जान लें।
रुद्राक्ष धारण करने के फायदे
रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है। नियमों के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने से नकारात्मकता दूर रहती है और मन में बुरे विचार नहीं आते। यह हानिकारक ग्रहों के प्रभाव से भी रक्षा करता है। रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और भाग्य का पूरा साथ मिलता है।
रुद्राक्ष धारण करने के नियम
रुद्राक्ष को धारण करने से पहले कुछ विशेष विधि का पालन करना आवश्यक है। सबसे पहले रुद्राक्ष को पंचामृत और गंगाजल से शुद्ध किया जाता है। इसके बाद साफ कपड़े से पोंछकर रुद्राक्ष पर तिलक लगाया जाता है और धूप दिखाई जाती है। इसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करते हुए रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। इस विधि से रुद्राक्ष को धारण करने पर इसका पूर्ण लाभ मिलता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र माना जाता है, इसलिए इसे हमेशा साफ-सुथरे हाथों से स्पर्श करना चाहिए। रुद्राक्ष को हमेशा विषम संख्या में धारण करना शुभ माना जाता है। यदि आप रुद्राक्ष की माला धारण कर रहे हैं, तो माला में कम से कम 27 रुद्राक्ष होने चाहिए। 27 से कम रुद्राक्ष वाली माला धारण करने से शिव दोष लग सकता है। रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति हमेशा शाकाहारी भोजन ही करे और मांस, मदिरा का सेवन बिल्कुल न करे।