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केदारनाथ क्षेत्र में बादल फटा, 02 पुलिया और सोनप्रयाग में 100 मीटर सड़क बही, जखन्याली में 03 की मौत

उत्तराखंड में मौसम के रौद्र रूप के बीच प्रदेश के तमाम क्षेत्रों से भरी भूस्खलन, बाढ़ और नदियों के उफान पर पहुंचने की डराने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। बीती देर रात्रि जहां रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ क्षेत्र में लिनचोली-भीमबली के बीच 02 स्थानों पर बादल फटने से 02 पुलिया बह गई, वहीं टिहरी के घनसाली क्षेत्र के जखन्याली में बादल फटने से 02 व्यक्तियों (भानू प्रसाद 50 वर्ष और अनीता देवी 45 वर्ष) की मलबे में दबने से मौत हो गई, जबकि घायल विपिन (30 वर्ष) ने एम्स में उपचार के लिए ले जाए जाने के दौरान मौत हो गई। भारी बारिश से उपजे विकट हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी अधिकारियों को हाईअलर्ट पर रहते हुए राहत एवं बचाव कार्यों में गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। हाल में सचिव आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाले विनोद कुमार सुमन भी हालत पर बारीकी से निगाह बनाए हुए हैं। उनके स्तर से पूर्ववर्ती अधिकारियों की संकुचित धारणा धारणा को तोड़ते आपदा के संबंध में सही सूचनाएं निरंतर मुहैया कराई जा रही हैं। ताकि भ्रम की स्थिति पैदा न हो और जनता को सही जानकारी ससमय उपलब्ध कराई जा सके।

आपदा से जगह जगह उपजे हालातों को देखते हुए गुरुवार को चारधाम यात्रा स्थगित रखी गई है। केदारनाथ क्षेत्र में लिनचोली-भीमबली के बीच 02 स्थानों पर बादल फटने से भारी भूस्खलन और पानी के वेग से केदारनाथ पैदल मार्ग पर बनी 02 पुलिया के बहने के साथ ही कई स्थानों पर पैदल मार्ग (करीब 30 मीटर) तबाह हो गया है। साथ ही केदारनाथ धाम जाने वाला मार्ग सोनप्रयाग में 100 मीटर के दायरे में बुरी तरह ध्वस्त हो गया है। इस दौरान रामबाड़ा के पास 01 दूकान और 01 गोदाम के मलबे में दबने की सूचना भी मिली है। वहीं, बीती देर रात्रि जब बादल फटने की सूचना मिली थी तो पानी के वेग व भूस्खलन होने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर भी एकदम से बढ़ गया था। जिससे गौरीकुंड व सोनप्रयाग में अफरा तफरी का माहौल बन गया। एसडीआरएफ और पुलिस बल ने सोनप्रयाग पार्किग व गौरीकुंड में तप्त कुंड से सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तत्परता से शुरू किया। स्थानीय प्रशासन ने एहतियातन गौरीकुंड और सोनप्रयाग बाजार को खाली करवाया।

केदारनाथ क्षेत्र में इस घटना के बाद से यात्रियों को विभिन्न स्थानों पर रोकने का क्रम भी शुरू कर दिया गया था। जिन्हें हालात सामान्य होने पर आगे भेजा जाएगा। साथ ही संबंधित पड़ावों पर यात्रियों को खाने-पीने और सुरक्षित ठौर का इंतजाम किया गया। पुलिस और प्रशासन ने भीमबली में 200 से अधिक यात्रियों को रोका गया। जिन्हें भीमबली स्थित जीएमवीएन अतिथि गृह में ठहराया गया। पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग में भारी बारिश हुई है। भीमबली-जंगलचट्टी, लिनचोली के बीच भूस्खलन की सूचना मिलीथी। किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। पैदल मार्ग को भूस्खलन से नुकसान की जानकारी मिली है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से गौरीकुंड व सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी किनारे से सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

केदारनाथ धाम तक बिजली और संचार सेवा ठप
बादल फटने की घटना के बाद गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम में बिजली व संचार सेवा भी पूरी तरह ध्वस्त हो गई। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि गुरुवार से हालात सामान्य होने लगेंगे। वहीं, देर रात तक नदी का जलस्तर में कम होने लगा था। जो राहत की बात है। बताया जा रहा है कि बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर गौरीकुंड क्षेत्र में वार्निंग लेवल 1975 मीटर को छूने लगा था। हालांकि, रुद्रप्रयाग क्षेत्र में मंदाकिनी और अलकनंदा नदी में जल स्तर बढ़ने के बाद भी यह वार्निंग लेवल क्रमशः 625 और 626 मीटर से नीचे ही रहा। गुरुवार या शुक्रवार से ही मार्ग को भी दुरुस्त करने का शुरू होने की संभावना है। जबकि टिहरी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग के भाग घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग पर मुयाल गांव के पास क्षतिग्रस्त पुल को शीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जारी किए हैं।

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