मध्य प्रदेश में सक्रिय हो रहा नया मानसून, 4 अगस्त से भारी बारिश का अलर्ट
मानसून द्रोणिका वर्तमान में उत्तर प्रदेश और दिल्ली से होकर गुजर रही है। झारखंड पर बना ऊपरी हवा का चक्रवात भी गांगेय क्षेत्र पश्चिम बंगाल चला गया है। वर्तमान में अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली भी सक्रिय नहीं है। इससे मध्य प्रदेश में अच्छी वर्षा की संभावना फिलहाल कुछ दिन नहीं है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गांगेय क्षेत्र पश्चिम बंगाल पर बने चक्रवात के पुन: कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर ओडिशा होते हुए मध्य प्रदेश की तरफ आने की संभावना बनी हुई है। उसके प्रभाव से चार अगस्त से मध्य प्रदेश में फिर वर्षा का दौर शुरू हो सकता है।
इस सीजन में एक जून से लेकर 31 जुलाई को सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में कुल 480. मिमी. वर्षा हो चुकी है। यह सामान्य वर्षा (448.4 मिमी.) की तुलना में सात प्रतिशत अधिक है।
इस दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश में 491.8 मिमी. वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा (491.1) के समकक्ष है। इसी तरह पश्चिमी मध्य प्रदेश में कुल 471.6 मिमी. वर्षा हुई। यह सामान्य वर्षा (415.5 मिमी.) की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है।
अरब सागर पर बना चक्रवात
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका गंगानगर, हिसार, दिल्ली, हरदोई, देहरी, पुरुलिया, सागर द्वीप से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। झारखंड में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात भी कमजोर पड़ गया है।
दक्षिणी गुजरात से लेकर उत्तरी केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। महाराष्ट्र पर विपरीत हवाओं का सम्मिलन (शियर जोन) बना हुआ है। सौराष्ट्र व उससे लगे अरब सागर पर भी एक चक्रवात बना हुआ है।