श्रीखंड घाटी में बादल फटने से बहा शिमला का समेज गांव, लापता लोगों की संख्या 36 हुई, सात स्कूली बच्चे भी, डीसी—एसपी मौके पर, रेस्क्यू आपरेशन जारी, कुल्लू के मलाणा और सैंज घाटी में भी बादल फटने से नुकसान, साट का मंडी भवन बहा
कुल्लू/रामपुर बुशहर। कुल्लू जिले में कम से कम तीन जगहों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कुल्लू की श्रीखंड घाटी में बादल फटने से शिमला जिले के समेज गांव पर भारी तबाही टूटी है। यहां से अब 36 लोगों के लापता होने की खबरें आ रही हैं।
खड्ड के किनारे जहां कभी गांव बसा होता था वहां अब पानी के साथ आए बड़े बड़े पत्थर दिख रहे हें। एनडीआरएफ पुलिस के साथ मौके पर पहुंची हुई है। कई घंटे के रेस्क्यू आपरेशन के बावजूद अभी तक लापता लोगों में से किसी का कोई पता नहीं चल सका है। उधर कुल्लू की डीसी के अनुसार श्रीखंड के सिंह द्वार में बादल फटने से दो घाराओं में बंटा पानी बागी पुल की ओर भी काफी नुकसान पहुंचा गया। यहां से सात लोगों के लापता होने की जानकारी मिल रही है। इनमें से पांच नेपाली मूल के लोग हैं जबकि दो स्थानीय नागरिक बताए जा रहे हैं।
बागीपुल की दिशा में आठ मकान भी ध्वस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि बादल फटने की घटना होते हुए बागी पुल के खड्ड के किनारे बसे लोगों को वहां से हटने के लिए कह दिया गया था इससे यहां पर ज्यादा जानी नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि समेज में कुल्लू जनपद की सीमा में बने तीन लोगों के लापता होने की सूचना मिली है। जबकि दो मकान भी कुल्लू सीमा में ध्वस्त हुए है।
उन्होंने बताया कि भीमड्वारी में एसडीआरएफ के बेसकैंप से टीम को समेज व बागीपुल रेस्क्यू के लिए भेजा गया है। बताया जा रहा है कि समेज सीनियर सैकेंडरी स्कूल के कम से कम सात बच्चे भी लापता हैं। इस स्थान पर समेज एवं कुशवा खड्ड के संगम पर बसे इस गांव पर समेज खड्ड का जल स्तर अचानक कम से कम पचास फीट ऊपर उठ गया। इस बाढ़ में स्कूल, क्लीनिक और कई मकान बह गए।
बताया जा रहा है कि श्रीखंड घाटी में बादल फटने की वजह से पानी और मलबा दो दिशाओं में बंट गया। एक धारा समेज खड्ड की ओर बही तो दूसरी बागी पुल की तरफ से गुजरी। यदि ऐसा न होता नुकसान और ज्यादा भी हो सकता था। शिमला के डीसी अनुपम कश्यप और एसपी शिमला संजीव गांधी भी मौके पर पहुंच गए हैं। अब तक रामपुर के एसडीएम निशांत तोमर मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू आपरेशन की कमान संभाल रहे थे।
दरअसल यह स्थान कुल्लू और शिमला के जिलों की सीमा पर स्थित है। बादल फटने के बाद लगभग पौने एक बजे बादल फटने के बाद भारी मात्रा में पानी समेज गांव में घुसा और एक एक कर मकानों को तोड़ते हुए आगे बढ़ गया। लापता लोगों में आधा दर्जन लोग प्रवासी भी थे। बाकी लोग स्थानीय बताए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि आज से लगभग दो दशक पहले भी इसी खड्ड में बाढ़ आई थी तब भी यहां के कई घर पानी में बहे थे। लेकिन लोगों ने उस घटना से सबक नहीं सीखा और नए मकान खड्ड के किनारे खड़े कर दिए। आज आई बाढ़ में तकरीबन 22 घर बह गए हैं। जब बाढ़ आई तब लोग अपने घरों में गहरी नींद में सोए हुए थे।