Fri. Nov 1st, 2024

सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, बदलेगा नियम, जल्द कैबिनेट में आएगा ये प्रस्ताव, जानें किस तरह मिलेगा लाभ?

उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार पारिवारिक पेंशन के नियमों में संशोधन करने जा रही है। खबर है कि भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा पुत्रियों को पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति देने पर विचार कर रही है। इस फैसले से यूपी की तरह प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की बेटियों को पेंशन का हक मिलेगा

वित्त मंत्री का अनुमोदन, कैबिनेट में जल्द आएगा प्रस्ताव

जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के राजकीय कर्मचारी अथवा पेंशनभोगियों की अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा पुत्री को पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति देने के प्रस्ताव पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अनुमोदन दिया है। अंतिम मंजूरी के लिए जल्दी ही कैबिनेट में रखा जाएगा।  केंद्र सरकार और यूपी में यह व्यवस्था पहले से ही लागू कर दी गई है।इस प्रस्ताव के मंजूरी मिलते ही उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा।

बेटियों को मिलेगा विशेष लाभ

वित्त मंत्री ने बताया कि राजकीय कर्मचारी अथवा पेंशन भोगी जिनकी पुत्री के तलाक की प्रक्रिया उनके जीवित रहते हुए पूर्ण हो जाती है, वह उन पर पूर्ण रूप से आश्रित होने की दशा में पात्रता पूर्ण करने पर पारिवारिक पेंशन स्वीकृति की जा रही है। इस व्यवस्था में ऐसी पुत्रियां भी शामिल होंगी जिनका अपने माता-पिता के जीवित रहने के दौरान न्यायालय में तलाक की प्रक्रिया शुरू हुई हो, माता-पिता के मृत्यु के बाद तलाक हुआ हो।

अबतक क्या है नियम

बता दे कि वर्तमान में रिटायर्ड कर्मचारियों की मौत हो जाने के बाद आश्रितों को पारिवारिक पेंशन नहीं दी जाती है। कर्मचारियों को मिलने वाली ये पेंशन 30% होती है। पारिवारिक पेंशन में अब तक तलाकशुदा बेटी के लिए परिभाषा तय थी कि माता-पिता के जीवित रहते हुए जिसकी तलाक की प्रक्रिया पूरी हो गई हो, उसे ही इसका लाभ दिया जाता था, लेकिन नियम के बदलाव के बाद बेटियों को विशेष लाभ मिलेगा।

मानदेय वृद्धि के इन प्रस्ताव पर भी विचार

  • उत्तराखंड महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के साथ वर्चुअल बैठक में राज्य की 37000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए समुचित प्रयास का आश्वासन दिया।बता दे कि वर्तमान में राज्य में 41138 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें लगभग 37000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 9300 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है।
  • उत्तराखंड के भूस्खलन, वनाग्नि, बाढ़ और दुर्घटनाओं में बचाव कार्यों में लगे प्रांतीय रक्षक दल के जवानों के मानदेय में 50 रु प्रतिदिन की वृद्धि के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने सहमति दे दी है। अगले सप्ताह तक शासनादेश जारी होने की उम्मीद है।हालांकि विकासखंड स्तर पर तैनात ब्लाक कमांडर और न्याय पंचायत स्तर पर तैनात हलका सरदार का मासिक मानदेय बढ़ाने के लिए वित्त विभाग की सहमति का इंतजार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *