कांग्रेस-नेकां में 83 सीटों पर मुहर… पांच पर नहीं बनी बात; यहां आमने-सामने होंगे दोनों दल
जम्मू -कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच मैराथन बैठक के बाद सोमवार को 83 सीटों पर सहमति बन गई। इसमें 51सीटों पर नेकां और 32 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। पांच सीटों पर सहमति नहीं बनने के कारण यहां दोस्ताना मुकाबला होगा। जबकि एक सीट माकपा और एक सीट पैंथर्स पार्टी को दी गई है। इस सहमति के बाद नेकां ने 18 उम्मीदवारों की सूची का एलान कर दिया है। पिछले कुछ समय से सीटों के बंटवारे पर फंसे पेंच को सुलझाने के लिए दोनों दलों के बीच बैठक का पहला दौर दोपहर करीब 12:30 बजे शुरू हुआ। शाम 3 बजे तक कोई भी रास्ता नहीं निकला।
इसके बाद दूसरी बैठक का समय चार बजे का दिया गया पर चार बजे के बाद जब कांग्रेस का कोई शीर्ष नेता फारूक के आवास पर नहीं पहुंचा तो गठबंधन होने या टूटने के बारे में अटकलों का बाजार गर्म होने लगा। करीब शाम 6:30 बजे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, सलमान खुर्शीद, पवन खेड़ा और भारत सोलंकी फारूक के आवास पर पहुंचे और करीब एक घंटे की बैठक के बाद सहमति बन गई।
डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का गठन लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने पर तुली ताकतों को दूर रखने के उद्देश्य से किया गया था। उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि हम सौहार्दपूर्ण माहौल में आम सहमति पर पहुंच गए हैं।
अब्दुल्ला के साथ कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और जेकेपीसीसी अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा सहित अन्य कांग्रेस नेता भी थे। वेणुगोपाल ने कहा कि गठबंधन के पीछे सामान्य विचार का उद्देश्य कश्मीर की आत्मा को बचाना था, इसलिए पार्टियां एकजुट होकर लड़ने और जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने के लिए एक साथ आई हैं।
तारिक हमीद कर्रा ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों दलों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में समझौता हुआ, उन्होंने कहा कि कुछ विवादास्पद निर्वाचन क्षेत्रों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा, हमने तय किया है कि एनसी 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि कांग्रेस 32 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
इसके बाद दूसरी बैठक का समय चार बजे का दिया गया पर चार बजे के बाद जब कांग्रेस का कोई शीर्ष नेता फारूक के आवास पर नहीं पहुंचा तो गठबंधन होने या टूटने के बारे में अटकलों का बाजार गर्म होने लगा। करीब शाम 6:30 बजे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, सलमान खुर्शीद, पवन खेड़ा और भारत सोलंकी फारूक के आवास पर पहुंचे और करीब एक घंटे की बैठक के बाद सहमति बन गई।
डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का गठन लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने पर तुली ताकतों को दूर रखने के उद्देश्य से किया गया था। उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि हम सौहार्दपूर्ण माहौल में आम सहमति पर पहुंच गए हैं।
अब्दुल्ला के साथ कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और जेकेपीसीसी अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा सहित अन्य कांग्रेस नेता भी थे। वेणुगोपाल ने कहा कि गठबंधन के पीछे सामान्य विचार का उद्देश्य कश्मीर की आत्मा को बचाना था, इसलिए पार्टियां एकजुट होकर लड़ने और जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने के लिए एक साथ आई हैं।
तारिक हमीद कर्रा ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों दलों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में समझौता हुआ, उन्होंने कहा कि कुछ विवादास्पद निर्वाचन क्षेत्रों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा, हमने तय किया है कि एनसी 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि कांग्रेस 32 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
हम सहमत हुए हैं और निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या को केवल पांच सीटों तक सीमित कर दिया है, जहां दोनों पक्षों के बीच बहुत ही अनुशासित तरीके से मैत्रीपूर्ण मुकाबला होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि सीपीओआई (एम) और पैंथर्स पार्टी को एक-एक सहित दो सीटें दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि हम अभी से उम्मीदवारों की सूची जारी करना शुरू कर देंगे।
चिनाब घाटी में होगा दोस्ताना मुकाबला
सूत्रों के अनुसार, दोस्ताना मुकाबला चिनाब घाटी की तीन सीटों पर होगा, जिसमें बानिहाल भी शामिल है, जहां से पूर्व पीसीसी अध्यक्ष विकार रसूल वानी चुनाव लड़ रहे हैं और नेकां सज्जाद शाहीन को मैदान में उतारेगी।
डोडा सीट पर, एनसी खालिद नजीब सुहरावर्दी को जनादेश देने के लिए तैयार है और कांग्रेस रियाज़ अहमद शेख को मैदान में उतार रही है और भद्रवाह सीट पर, कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नदीम शरीफ थे और अब एनसी ने महबूब इकबाल को टिकट दिया है।
भाजपा पहले नेकां और पीडीपी के साथ रह गठबंधन कर चुकी है: वेणुगोपाल
मीडिया ने जब नेताओं से पूछा, कि भाजपा कांग्रेस और नेकां के बीच गठबंधन पर सवाल उठा रही है, तो वेणुगोपाल ने कहा कि यह वही पार्टी है जो पहले एनसी और पीडीपी के साथ गठबंधन में थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम होगा। हर राजनीतिक दल का अपना एजेंडा होता है और एजेंडे के ऊपर मुद्दों को उठाने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने लोगों को धोखा दिया है।