तिघरा के सभी 7 गेट खोले गए, बड़ी संख्या में शहरवासी रोमांच का आनद लेने पहुँचे
ग्वालियर, मध्य प्रदेश: मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की नायाब धरोहर तिघरा जलाशय के सभी सात गेट आज दोपहर में खोले गए। तिघरा जलाशय के गेट खुलने की खबर मिलने पर बड़ी संख्या में शहरवासी तिघरा पहुँचे और घनघोर गर्जना के साथ निकल रहे पानी के रोमांच का आनंद लिया। तिघरा जलाशय भरने से ग्वालियरवासियों में खुशी की लहर है, अब साल भर शहर में निर्वाध रूप से पेयजल आपूर्ति हो सकेगी।
महापौर श्रीमती शोभा सिकरवार, नगर निगम सभापति श्री मनोज सिंह तोमर व नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष श्री हरपाल सहित अन्य पार्षदगण कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, नगर निगम आयुक्त श्री अमन वैष्णव व एसडीएम श्री अतुल सिंह तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी इस रोमांचकारी अनुभव के साक्षी बने।
ज्ञात हो सिंधिया राज्यकाल में माधौ महाराज द्वारा मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के तकनीकी मार्गदर्शन में 100 साल से भी पहले तिघरा जलाशय का निर्माण कराया गया था। तभी से यह जलाशय ग्वालियर शहर की प्यास बुझा रहा है। इसीलिए तिघरा जलाशय को ग्वालियर की लाइफ लाइन कहा जाता है ।तिघरा जलाशय साँक नदी पर स्थित एक मीठे पानी का जलाशय है, जो ग्वालियर से 23 किमी दूर स्थित है ।
निचले इलाकों के गॉंवों को किया सतर्क-
तिघरा की डाउन स्ट्रीम में बसे गाँवों को सतर्क कर दिया गया है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम लगातार निचले इलाके में बसे गाँवों में पैट्रोलिंग कर रहीं हैं। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने एहितयात बतौर एसडीआरएफ टीम को भी सतर्क कर दिया है। उन्होंने तिघरा जलाशय पर पिकनिक मनाने के लिए आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए हैं।
प्रभाव क्षेत्र में शामिल ग्वालियर जिले के गाँव-
ग्राम तिघरा, ग्राम कैथा, ग्राम तालपुरा, ग्राम महिदपुर, ग्राम पृथ्वीपुर, ग्राम कुलैथ, ग्राम अगरा भटपुरा, ग्राम दुगनावली व ग्राम तिलघना ।
मुरैना जिले के गाँव
ग्राम पहाड़ी, ग्राम जखौदा, व ग्राम बामोर।
ग्वालियर, मध्य प्रदेश: मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की नायाब धरोहर तिघरा जलाशय के सभी सात गेट आज दोपहर में खोले गए। तिघरा जलाशय के गेट खुलने की खबर मिलने पर बड़ी संख्या में शहरवासी तिघरा पहुँचे और घनघोर गर्जना के साथ निकल रहे पानी के रोमांच का आनंद लिया। तिघरा जलाशय भरने से ग्वालियरवासियों में खुशी की लहर है, अब साल भर शहर में निर्वाध रूप से पेयजल आपूर्ति हो सकेगी।
महापौर श्रीमती शोभा सिकरवार, नगर निगम सभापति श्री मनोज सिंह तोमर व नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष श्री हरपाल सहित अन्य पार्षदगण कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, नगर निगम आयुक्त श्री अमन वैष्णव व एसडीएम श्री अतुल सिंह तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी इस रोमांचकारी अनुभव के साक्षी बने।
ज्ञात हो सिंधिया राज्यकाल में माधौ महाराज द्वारा मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के तकनीकी मार्गदर्शन में 100 साल से भी पहले तिघरा जलाशय का निर्माण कराया गया था। तभी से यह जलाशय ग्वालियर शहर की प्यास बुझा रहा है। इसीलिए तिघरा जलाशय को ग्वालियर की लाइफ लाइन कहा जाता है ।तिघरा जलाशय साँक नदी पर स्थित एक मीठे पानी का जलाशय है, जो ग्वालियर से 23 किमी दूर स्थित है ।
निचले इलाकों के गॉंवों को किया सतर्क
तिघरा की डाउन स्ट्रीम में बसे गाँवों को सतर्क कर दिया गया है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम लगातार निचले इलाके में बसे गाँवों में पैट्रोलिंग कर रहीं हैं। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने एहितयात बतौर एसडीआरएफ टीम को भी सतर्क कर दिया है। उन्होंने तिघरा जलाशय पर पिकनिक मनाने के लिए आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए हैं।
प्रभाव क्षेत्र में शामिल ग्वालियर जिले के गाँव
ग्राम तिघरा, ग्राम कैथा, ग्राम तालपुरा, ग्राम महिदपुर, ग्राम पृथ्वीपुर, ग्राम कुलैथ, ग्राम अगरा भटपुरा, ग्राम दुगनावली व ग्राम तिलघना ।
मुरैना जिले के गाँव
ग्राम पहाड़ी, ग्राम जखौदा, व ग्राम बामोर।