कटनी में 1 हजार करोड़ का जमीन घोटाला, नगर सुधार न्यास की योजनाओं में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा… प्रभावशाली विधायक की भूमिका?
कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी में नगर सुधार न्यास (अब नगर पालिक निगम) द्वारा 1985 से 1995 के बीच बनाई गई आवासीय योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार और गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इस घोटाले का अनुमानित मूल्य लगभग 1,000 करोड़ रुपये है, जिसमें अधिकारियों और भू-माफियाओं के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया गया है। पूर्व निगम अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
नगर सुधार न्यास ने आम जनता को रियायती दरों पर भूखंड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 25 योजनाएं बनाई थीं। हालांकि, इन योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार के कारण अधिकांश भू-स्वामियों को अभी तक भौतिक कब्जा नहीं मिला है। कई मामलों में मुआवजे का भुगतान भी किया गया, लेकिन जमीनों की वास्तविक स्थिति का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है।
भ्रष्टाचार के आरोप… प्रशासन की छवि धूमिल
इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा जा रहा है कि कई अधिकारी और भू-माफिया मिलकर जमीनों को फर्जी तरीके से बेचने में शामिल हैं। इससे न केवल स्थानीय प्रशासन की छवि धूमिल हुई है, बल्कि आम जनता को भी आवासीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से जांच की मांग
पूर्व निगम अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कलेक्टर कटनी की निगरानी में एक उच्च स्तरीय जांच दल गठित किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया है कि रोवर मशीन के माध्यम से भूमि का सीमांकन किया जाए और भूखंड धारकों को उनके प्लॉटों का भौतिक कब्जा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
राजनीतिक दबाव और प्रभावशाली नेताओं की भूमिका
इस मामले में प्रभावशाली विधायक की भूमिका मानी जा रही है, जानकारी ये भी आ रही है कि उनके परिजनों ने भी यहाँ बड़े पैमाने पर न्यास की विवादास्पद ज़मीन ख़रीद ली है। यही कारण है कि अब स्थानीय प्रशासन दबाव में है, राज्य स्तर पर भी इस मामले की गंभीरता बढ़ गई है
मुख्यमंत्री के समक्ष कई गंभीर शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, जो यह दर्शाती हैं कि यह मामला केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रहा है। प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई में सफेदपोश व्यक्तियों का डर भी दिखाई दे रहा है, जो कि इस मामले की गंभीरता को और बढ़ाता है।
कटनी में हुए इस घोटाले ने न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे रसूखदार लोग सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर आम जनता के हितों को ठेस पहुंचा रहे हैं। मुख्यमंत्री से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई करेंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
नगरीय प्रशासन मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
कटनी के जनप्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से की गई शिकायत के बाद नगरीय प्रशासन मंत्रालय ने भूमि सुधार न्यास से जुड़े मामलों को गंभीरता से लिया है। मंत्रालय ने सभी संबंधित शिकायतों की जांच के लिए एक रिपोर्ट भोपाल मंगा ली है, जिसमें घोटाले और उससे जुड़े अधिकारियों की गतिविधियों की जांच की जाएगी। इस जांच का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी मामलों में पारदर्शिता हो और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। नगरीय प्रशासन मंत्रालय अब जांच रिपोर्ट की समीक्षा करेगा और उसके आधार पर आवश्यक कदम उठाएगा। यह मामला न केवल कटनी के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण बनेगा कि किस प्रकार से भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।