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एनआईए ने इस संगठन के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई, 11 ठिकानों पर एक साथ मारे छापे, मचा हड़कंप

नई दिल्ली। बड़ी खबर आई है, भारत में इस्लामिक देश का सपना देखने वाले कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के खिलाफ एनआईए ने बड़ी कार्रवाई की है।

एजेंसी जगह-जगह तलाशी अभियान चला रही है। अभी तक तमिलनाडु में एनआईए ने कम से कम 11 जगहों पर छापेमारी की है। इसमें हिज्ब-उत-तहरीर संगठन द्वारा इस्लामी शासन स्थापित करने की साजिश के तहत चलाए जा रहे एक विभाजनकारी प्रचार अभियान का मामला सामने आया है।  एनआईए की टीमों ने तांबरम, चेन्नई, कन्याकुमारी जैसे जिलों में संदिग्धों के घरों पर तलाशी अभियान चलाया और कई गैर-कानूनी सामग्री जब्त की, जिसमें डिजिटल उपकरण, बिना हिसाब की नकदी और हिज्ब-उत-तहरीर से संबंधित साहित्य शामिल हैं।

एनआईए की जांच में यह सामने आया है कि मुख्य साजिशकर्ता हामिद हुसैन ने पांच अन्य आरोपियों के साथ मिलकर गुप्त बैठकों का आयोजन किया था, जिनका उद्देश्य हिज्ब-उत-तहरीर की भारत-विरोधी विचारधारा को बढ़ावा देना था।

एनआईए की अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी और कई अन्य समूहों ने तमिलनाडु में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए अभियान चलाए थे।

देश की संप्रभुता और अखंडता को बाधित करने वाली गतिविधियों में शामिल थे। अभी तक इस मामले की जांच जारी है। और तलाशी के दौरान जब्त की गई सामग्रियों की जांच की जा रही है।

यहां बता दें कि, हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना 1952 में यरुशलम में हुई थी। इसका मुख्यालय लंदन में है और इसका नेटवर्क यूरोप और दक्षिण एशिया में अधिक फैला हुआ है। विशेष रूप से, इसकी पकड़ इंडोनेशिया में अधिक है। इस संगठन का उद्देश्य इस्लामी राष्ट्र की स्थापना करना और नास्तिक विचारों को खत्म करना है।

यह संगठन युवाओं का ब्रेनवॉश करके देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल करता है। यह एक ऐसा संगठन है जो अपने अनुयायियों को वैध रूप से स्थापित लोकतांत्रिक सरकार को विभाजनकारी गतिविधियों के माध्यम से उखाड़ फेंकने के लिए उकसाता है।

इसमें शामिल लोग सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से अपने कार्यों को अंजाम देते हैं और इस्लाम के खिलाफ प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करते हैं। बताया जाता है कि दस लाख से ज्यादा लोग इससे जुड़े हुए हैं। यह संगठन चीन, रूस, जर्मनी, इंडोनेशिया, तुर्की, अरब और बांग्लादेश जैसे देशों में प्रतिबंधित है।

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