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इंदरगंज में प्रापर्टी का अवैध हिस्सा तोड़ा, संपत्ति मालिक और नगर निगम अफसरों के बीच विवाद

नगर निगम का बुलडोजर ने त्योहार से पहले अवैध निर्माण को लेकर सख्ती की शुरु कर दी है। गुरुवार को निगम के मदाखलत दस्ते ने इंदरगंज स्थित अल्पना जैन सहित परिजनों के नाम संपत्ति का अवैध हिस्सा गिराने की कार्रवाई की। जिस बिल्डिंग का अवैध हिस्सा गिराया उसमें​इलेक्ट्रॉनिक शोरूम संचालित है। निगम ने बुधवार को भवन स्वामी को फ्रंट एमओएस नहीं छोड़े जाने पर 6 घंटे का नोटिस दिया था। नोटिस की अवधि खत्म होने के बाद गुरुवार को निगम की भवन शाखा और मदाखलत का अमले ने यह कार्रवाई की।

इस तुड़ाई को लेकर संपत्ति मालिक अजय जैन की भवन अधिकारी पवन शर्मा, वीरेंद्र शाक्य, मदाखलत अधिकारी शैलेंद्र चौहान से विवाद भी हो गया। इनका आरोप था कि आप तुड़ाई कर रहे हो और अंदर स्टाफ एवं ग्राहक हैं। विवाद बढ़ते देख कार्रवाई को रोककर लोगोंे को बाहर निकाला गया। कार्रवाई के दौरान सहायक सिटी प्लानर महेंद्र अग्रवाल, भवन अधिकारी राजीव सोनी, जेडओ विपिन दुबे गए थे।

जल्दबाजी ऐसी फोर्स नहीं मिला अपने कर्मचारी बुलाए निगम को इस अवैध निर्माण को तोड़ने की इतनी जल्दी थी कि इंदरगंज थाने से पुलिस स्टाफ नहीं मिला तो खुद कर्मचारी बुलाकर तुड़ाई शुरू कर दी। इलेक्ट्रॉनिक शोरूम के मैनेजर पीयूष का कहना था कि बिना नोटिस दिए तुड़ाई की गई। जिस कारण सामान निकालने का भी समय नहीं दिया गया। इस कारण शोरुम में रखे सामान को नुकसान पहुंचा है।

जनकगंज में अवैध तलघर का एक्शन यहां

निगम के अफसर दबी जुबां में बता रहे थे कि तुड़ाई का कारण जनकगंज में अवैध तलघर माना जा रहा है। वार्ड-41 में मकान नंबर 2155, 516/1, 516/2 बिना अनुमति के तलघर के लिए खुदाई की गई थी। इस दौरान पड़ाेसी सुनील तांबे के मकान का कुछ हिस्सा गिर गया। इसमें रहने वाले सदस्य अपनी जान बचाकर बाहर आए।

उक्त तलघर जिस भू​खंड पर बनाया जा रहा था, वह संपत्ति अल्पना जैन, साधना जैन, कल्पना जैन, संगीता, शिल्पा, करिश्मा, अनमा, शिल्पा, बरखा, सीमा गोयल आदि अवैध तलघर बना रहे थे। घटना के बाद उक्त नामों का जिक्र करते हुए क्षेत्राधिकारी-16 ने जनकगंज थाना पुलिस को पत्र लिखकर भवन स्वामियों, बिल्डर, आर्किटेक्ट के खिलाफ मामला दर्ज करने का आवेदन दिया है।

बड़ा सवाल

  • निगम अधिकारी यहां से रोज ​गुजरते हैं, लेकिन जब बिल्डिंग बनी तब सभी ने अनदेखी की।
  • अवैध निर्माण पर नजर रखने की जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी है उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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