ग्वालियर ठेकेदार मर्डर-सुसाइड केस पत्नी-बेटे की हत्या कर खुदकुशी करने वाला नरेंद्र 7 दिन पहले ही लाया था बंदूक
ग्वालियर में नगर निगम और लोक निर्माण विभाग (PWD) के ठेकेदार नरेंद्र सिंह चौहान ने पत्नी और बेटे की गोली मारकर हत्या के बाद खुदकुशी की थी। मामले में गुरुवार को पिता-पुत्र और मां के शवों का एक साथ इटावा में रात को यमुना नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया गया। ठेकेदार ने जिस बंदूक से घटना को अंजाम दिया वह उसे सात दिन पहले ही अपने पुश्तैनी घर यूपी के इटावा से ग्वालियर लाया था। यानी सात दिन पहले ही उसने यह कदम उठाने के बारे में ठान लिया था।
दरअसल, बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के बारह बीघा इलाके में रहने वाले नरेंद्र (47) ने मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात परिवार समेत सुसाइड कर लिया था। उसने पहले बेड पर सो रहे बेटे आदित्य (20), फिर पत्नी सीमा चौहान (42) की हत्या की थी। फिर खुद को गोली मार ली थी।
बेटे आदित्य के सीने में लगी गोली कोहनी में फंसी मिली
गुरुवार दोपहर बाद तीनों के शव का पैनल से पोस्टमॉर्टम कराया गया। बेटे आदित्य के सीने में लगी गोली कोहनी में फंसी मिली। तीनों के मोबाइल, फोरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा जाएगा, घर में लगी CCTV कैमरों की DVR (डिटेल वीडियो रिकॉर्डर) को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है, इसकी भी जांच की जाएगी। पूरे परिवार के शव को नरेंद्र के दोनों भाई व बहन ग्वालियर आकर साथ लेकर इटावा गए और रात 8 बजे के बाद पति-पत्नी का अंतिम संस्कार साथ हुआ और फिर बेटे का अलग से अंतिम संस्कार किया गया है। सुसाइड नोट में गोली कांड का दोषी बताया गया ठेकेदार का साला अपने फ्लैट पर ताला डालकर अब भी फरार है।
हाल ही में तीन बीघा जमीन बेची थी जानकारी के मुताबिक नरेंद्र ने एक सप्ताह पहले अपने छोटे भाई से फोन पर अपनी खराब आर्थिक स्थिति पर चर्चा करते हुए रुपयों की जरूरत बताई थी। जिस पर भाई ने व्यवस्था कर देने की बात भी कही थी। नरेंद्र ने हाल ही में अपनी पूर्व में खरीदी तीन बीघा जमीन की डील भी की थी। नरेंद्र को साले राजीव उर्फ गुड्डू के अलावा एक अन्य रिश्तेदार द्वारा परेशान किए जाने की बात भी सामने आई है।
18 साल पहले ग्वालियर आया नरेंद्र ठेकेदार नरेंद्र चौहान 2006 में यूपी से ग्वालियर आया था। यहां पर कुछ समय तक वह परेशानी में रहा फिर मित्रों के साथ इंजीनियरों से मेल-मुलाकात कर ठेकेदारी करने लगा। बाद काम बढ़ने पर नरेंद्र ने पत्नी के नाम से भी कंपनी बना ली और दोनों के नाम से अलग-अलग ठेके लेकर काम करने लगा। नरेंद्र का काम इतना चल पड़ा था कि उसने कोरोना से पहले 12 बीघा जमीन में मकान बनाया, उसका एक सिटी सेंटर पर भी मकान है।
माता-पिता दोनों बेटे से बहुत प्यार करते थे परिजनों का मानना है कि नरेंद्र को रुपयों की परेशानी तो हुई थी लेकिन इसके कारण वह इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे सकता है। उनका मानना है कि नरेंद्र बेटे को गोली कैसे मार सकता है। दोनों उससे बहुत प्यार करते थे और उसी के कहने पर कुछ दिनों पहले 50 लाख की लग्जरी फॉरच्यूनर कार खरीदी थी।
लियर में सरकारी ठेकेदार ने पत्नी और बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस और फोरेंसिक टीम की शुरुआती जांच में ये लग रहा है कि इसके बाद ठेकेदार ने भी खुद को शूट कर सुसाइड कर लिया। तीनों के शव घर पर मिले हैं। घटना बहोड़ापुर के बारह बीघा इलाके की है।…