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चुनाव से पहले ट्रंप के खिलाफ पत्नी मेलानिया ने ही खोला मोर्चा

अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने अपने पति और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विपरीत जाकर ‘गर्भपात के कानूनों’ को अपना समर्थन दिया है। मेलानिया ट्रंप ने कहा कि, उनका मानना है कि जब किसी महिला की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात आती है तो समझौते की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। अमेरिका में अगले महीने चुनाव होने हैं, ऐसे में मेलानिया का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। सीएनएन की खबर के मुताबिक, मेलानिया ट्रंप ने गुरुवार को पोस्ट किए गए एक नए वीडियो में कहा कि, उनका मानना है कि जब किसी महिला की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात आती है, तो समझौते की कोई गुंजाइश नहीं होती है। मेलानिया ने कहा है कि वह सरकार के किसी भी हस्तक्षेप या दबाव के बिना गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करती हैं।

मेलानिया ट्रंप ने ने हाल ही में एक किताब प्रकाशित हुई है। जिसमें मेलानिया ने इस मद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी है। उन्होंने किताब में लिखा कि, महिला के अलावा किसी और को यह तय करने का अधिकार क्यों होना चाहिए कि वह अपने शरीर के साथ क्या करती है? व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार एक महिला को उसके अपने जीवन के लिए और उसे अपनी गर्भावस्था को समाप्त करने का अधिकार देता है। यह किताब 8 अक्टूबर को पब्लिश होने वाली है।

किताब में कई खुलासे
यह किताब ऐसे समय में पब्लिश हो रही है, जब चुनावों में एक महीने से भी कम का समय बचा है। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, मेलानिया ने कहा कि, किसी महिला के अवांछित गर्भ को समाप्त करने या न करने के अधिकार को प्रतिबंधित करना, उसके अपने शरीर पर नियंत्रण को लेने के जैसा है। मेलानिया ने आगे कहा कि, यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि महिलाओं को सरकार के किसी भी हस्तक्षेप या दबाव से मुक्त होकर बच्चे पैदा करने की अपनी पसंद का निर्णय लेने की आजादी होनी चाहिए। मेलानिया ने अपने पति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीतियों पर भी असहमति जताई है।

गर्भपात के अधिकारों के खिलाफ हैं ट्रंप
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि अगर वह फिर से चुने जाते हैं तो वे संघीय गर्भपात प्रतिबंध को वीटो कर देंगे। इस पर कानून बनाने का अधिकार राज्यों को दे देंगे। प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान ट्रंप ने कहा था कि डेमोक्रेटिक पार्टी प्रेग्नेंसी के 9वें महीने में अबॉर्शन का अधिकार देना चाहती है। इस पर कमला हैरिस ने कहा कि ट्रंप नहीं बता सकते कि महिलाओं को अपने शरीर के साथ क्या करना चाहिए। बता दें कि, दो साल पहले तक अमेरिका में अबॉर्शन को लेकर एक जैसे कानून थे। यहां अबॉर्शन का अधिकार दिया गया था। जून 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को पलट दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य अपने-अपने हिसाब से अबॉर्शन पर कानून बना सकते हैं।

अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में अबॉर्शन को लेकर अलग कानून है। कुछ राज्यों में अबॉर्शन पर पूरी तरह रोक है तो कहीं इसे लीगल माना गया है। अमेरिका में 8 ऐसे राज्य हैं जहां शर्तों के साथ अबॉर्शन की इजाजत है। अमेरिका के 26 राज्यों में गर्भपात को कानूनी अधिकार दिया गया है। अमेरिका के 22 राज्य ऐसे हैं, जहां अबॉर्शन पर या तो पूरी तरह प्रतिबंध है या फिर आंशिक रूप से लगाया गया है।

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