सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाई कोर्ट का फैसला, मुन्ना शुक्ला को उम्रकैद की सजा, जानें पूरा मामला
पटना
। बड़ी खबर है, बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए राजद नेता विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए मुन्ना शुक्ला को दोषी करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बृज बिहारी हत्याकांड में बाहुबली मुन्ना शुक्ला और एक अन्य मंटू तिवारी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। इस मामले में लोजपा के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत छह आरोपियों को बरी कर दिया है।बता दें कि, 1998 में पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी रमा देवी, भाजपा और सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 21 और 22 अगस्त को सुनवाई पूरी करते हुए आदेश को सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, संजय कुमार और आर महादेवन की पीठ ने यह फैसला सुनाया है।
निचली अदालत ने वर्ष 2009 में आठ आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बृज बिहारी प्रसाद लालू यादव की पार्टी के बड़े और दबंग नेता थे। उनकी हत्या गैंगवार का नतीजा थी।
बृज बिहारी प्रसाद की हत्या में श्रीप्रकाश शुक्ला का भी नाम आया था, जो उस समय सूरजभान के गैंग में शूटर था। बाद में श्रीप्रकाश शुक्ला के नाम का यूपी और बिहार में खौफ पैदा हो गया।
गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने शुक्ला को एक एनकाउंटर में मार गिराया था। यूपी में पहली बार श्रीप्रकाश शुक्ला को ही खोजने के लिए एसटीएफ बनाई गई थी।