ग्वालियर की जन्मांध बेटियों ने किया गरबा नृत्य, महीनों की प्रैक्टिस का दिखा कमाल
ग्वालियर: आत्म ज्योति आवासीय दृष्टिहीन विद्यालय की जन्मांध बच्चियों ने अपने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से यह साबित कर दिया है कि अगर इंसान ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है. इन बच्चियों ने नवरात्रि के पावन पर्व पर गरबा नृत्य का प्रदर्शन किया, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी. कई महीनों से इस गरबा की प्रैक्टिस कर रहीं इन बच्चियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को भावुक कर दिया और यह संदेश दिया कि नेत्रहीनता जैसी चुनौतियाँ भी उनके उत्साह और साहस को रोक नहीं सकतीं.
शिक्षक का सहयोग और प्रशिक्षण
आत्म ज्योति विद्यालय में गरबा सिखाने वाली शिक्षिका ने बताया कि बच्चियों को गरबा नृत्य करना बेहद पसंद है और उन्होंने इसे सीखने में काफी रुचि दिखाई. पिछले दो महीनों से उन्हें नृत्य की नियमित ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसमें बच्चियों को वन टू वन निर्देशों का पालन करके एक सर्कल में चलते हुए गरबा करना सिखाया गया. उन्होंने बताया कि बच्चियों का आत्मविश्वास अद्भुत है और वे नृत्य करते समय पूरी तरह से उत्साहित रहती हैं.
बच्चियों का आत्मविश्वास
लोकल 18 से बात करते हुए एक नेत्रहीन बच्ची अंजलि ने बताया कि उन्हें नृत्य करने में कोई समस्या नहीं होती, भले ही वे नेत्रहीन हैं. उन्होंने कहा, “हमारी मेहनत और आत्मविश्वास ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. हम किसी भी चुनौती को पार करने में सक्षम हैं.” अंजलि की तरह ही अन्य बच्चियों ने भी अपनी कड़ी मेहनत से गरबा नृत्य सीखा और इस दौरान कभी अपनी कमजोरी को आड़े नहीं आने दिया.