क्या विधायकों की नाराजगी के पीछे छिपा है कोई एजेंडा? BJP विधायकों का आरोप- नौकरशाही हावी
भोपाल। प्रदेश के तीन भाजपा विधायकों का बुधवार को कानून-व्यवस्था और नौकरशाही का लेकर दर्द सामने आया है। अब सियासत के जानकार ये पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि इन विधायकों का दर्द वाजिब है या इसके पीछे कोई एजेंडा है, जिस कारण ये विधायक अपनी ही सरकार की फजीहत करा रहे हैं।
मऊगंज से विधायक प्रदीप पटेल तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग पांडे के सामने दंडवत हो गए। पांडे ने पूछा क्या हुआ। विधायक ने सिर्फ इतना कहा- आप तो मुझे गुंडों से मरवा दीजिए। दरअसल, वह कानून-व्यवस्था की स्थिति और जिले में शराब व ड्रग के अवैध कारोबार से लंबे समय से नाराज थे। शिकायत के बाद भी पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से उन्होंने दंडवत होकर विरोध जताया।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि पूरा जिला नशे की चपेट में है। इससे अपराध भी बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही है। इंटरनेट मीडिया पर विधायक का फोटो वायरल होने के बाद जबलपुर की पाटन सीट से विधायक व पूर्व मंत्री अजय विश्नोई भी उनके साथ आ गए। उन्होंने एक्स पर लिखा कि प्रदीप जी आपने सही मुद्दा उठाया है, लेकिन क्या करें शराब ठेकेदारों के आगे पूरी सरकार ही दंडवत है।
संजय पाठक को भी जान का डर
उधर, विजयराघवगढ़ विधायक व पूर्व मंत्री संजय पाठक ने भी पुलिस-प्रशासन को शिकायत कर कहा है कि उनके आधार कार्ड के पते में छेड़छाड़ की गई है। पता बदलने के लिए पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी भी मिला था, लेकिन किसी से साझा नहीं किया। जांच में पता चला है कि 50 रुपये का शपथ पत्र बनवाकर मेरा स्थायी पता जीरकपुर (चंडीगढ़) कर दिया है।
उन्होंने पुलिस को बताया है कि जबलपुर, कटनी और भोपाल में मेरे आसपास कुछ संदिग्ध लोग नजर आए हैं। ऐसे में यह सिर्फ आधार की बात नहीं बल्कि गंभीर मामला है। मुझे पहले भी धमिकयां मिली हैं। मेरी जान को खतरा है।