Fri. Nov 1st, 2024

साइबर हमलों का शिकार आईटीडीए करोड़ों के सॉफ्टवेयर का नहीं कर रहा इस्तेमाल, उठ रहे कई सवाल

सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) पिछले कई दिनों से साइबर हमलों का शिकार हो रहा है। इस तरह के हमलों से बचने के लिए आधे-अधूरे कदम उठाता आया है। हालात ये हैं कि करोड़ों रुपये के सॉफ्टवेयर और सुरक्षा संबंधी सॉल्यूशन खरीदने के बाद उनका इस्तेमाल ही नहीं किया गया।

आईटीडीए पिछले करीब डेढ़ सप्ताह से साइबर हमले से जूझ रहा है। अभी तक भी इस हमले की जद में आईं सभी वेबसाइट व मोबाइल एप पूर्ण रूप से सुचारू नहीं हो पाए हैं। सूत्रों के मुताबिक, आईटीडीए ने पिछले दिनों कई एंटी वायरस व साइबर सुरक्षा संबंधी सॉल्यूशन खरीदे थे।

इसमें से ही करीब दो करोड़ की कीमत से खरीदा गया सिक्योरिटी इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट भी शामिल है। सिम का काम डाटाबेस मैनेज करने का होता है, लेकिन इसकी खरीद अब तक काम नहीं आईं। इसी तरह कई और सॉल्यूशन हैं जो कि करोड़ों की लागत से खरीदे गए, लेकिन इस्तेमाल नहीं हो पाए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि अगर समय रहते इनका उपयोग किया जाता तो शायद इतने बड़े साइबर हमले का सामना न करना पड़ता।

आईटीडीए स्थित डाटा सेंटर का बैकअप सिस्टम पांच साल से विवादों में है। आईटीडीए ने 2019-20 में एक एजेंसी को बैकअप का ठेका दिया था, लेकिन वह यहां का डाटा ही सुरक्षित नहीं कर पाया। नतीजतन आईटीआई लिमिटेड बंगलुरू को इसका ठेका दिया गया था। चिंताजनक बात ये है कि करीब साढ़े तीन करोड़ में ठेका लेने वाली आईटीआई भी डिजास्टर रिकवरी के लिए पूर्ण बैकअप नहीं ले सकी। साइबर हमले के वक्त आईटीआई की टीम रिमोट एक्सेस जैसे जोखिमभरे तरीके से डाटा सेंटर से सीसीटीएनएस का बैकअप लेने का प्रयास कर रही थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *