Mon. Apr 28th, 2025

अनुराग जैन के पीएमओ से रिश्ते काम आये, नीरज मंडलोई के प्रस्ताव पर नए थर्मल पॉवर स्टेशन को मिली मंजूरी, 4100 मेगावॉट बिजली के लिए प्रधानमंत्री ने दी कोल आवंटन की स्वीकृति

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज मंडलोई के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री सचिवालय से मंजूरी दिलाने में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने अपने दीर्घकालिक अनुभवों का लाभ उठाते हुए 4100 मेगावॉट बिजली के लिए कोल आवंटन की स्वीकृति ले ली है। यूं कहा जाये कि मध्यप्रदेश में अब केन्द्र सरकार के पास जितने भी महत्वपूर्ण प्रस्ताव मध्यप्रदेश के विकास को लेकर भेजे जायेंगे उसमें मुख्य सचिव अनुराग जैन अपने भारत सरकार में संबंधों का लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी का परिणाम है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नए थर्मल पॉवर स्टेशन की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग नीरज मंडलोई के प्रस्ताव पर कोल आधारित विद्युत उत्पादन के लिए कोल आवंटन के लिए स्वीकृतिप्रदान की है। उन्होंने कहा है कि इससे 4100 मेगावॉट विद्युत उत्पादन के लिए थर्मल पॉवर स्टेशन की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने सभी विभागों को प्रगति के अवसर दिये हैं। वे जानते हैं कि बिजली के बिना विकास की कल्पना संभव नहीं है। यह एक बड़ा अवसर है, जिससे हम प्रदेश में ही स्वयं के पॉवर प्लांट लगा सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में हम आज भी सरप्लस की स्थिति में हैं, परंतु औद्योगिक विकास के लिए नए उद्योगों की स्थापना के परिणामस्वरूप बिजली की खपत में भी निरंतर वृद्धि होती जा रही है। भविष्य की दृष्टि से भी हमें नए थर्मल पॉवर स्टेशन की आवश्यकता होगी। यह कोल आवंटन उसमें संजीवनी की तरह काम करेगा। हम थर्मल पॉवर के नए स्टेशन की स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रेरित करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि साथ ही राज्य नवकरणीय ऊर्जा की ओर भी समान रूप से आगे बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की आगामी लंबी अवधि की विद्युत मांग के आंकलन के आधार पर 27 नवम्बर को भारत सरकार की उच्च स्तरीय अंतर्विभागीय समिति द्वारा प्रदेश के ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतिकरण के आधार पर कुल 4100 मेगावॉट के नए थर्मल पॉवर प्लांट लगाने के लिये कोयला आवंटन स्वीकृत किया गया है। इस संबंध में संयंत्र लगाने के लिये प्रदेश के ऊर्जा विभाग द्वारा निविदा जारी की जायेगी। इससे लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त होगा। साथ ही हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रदेश उद्योग, घरेलू एवं कृषि सिंचाई के लिये सस्ती और गुणवत्तापूर्ण ऊर्जा प्रदाय करेगा और ऊर्जा उत्पादन में आत्म-निर्भर बना रहेगा। यदि मध्यप्रदेश के ऊर्जा विभाग में पदस्थ अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज मंडलोई के सूत्रों की माने तो मंडलोई यह मानकर चल रहें है कि अब अगले 5 साल तो कोई नया कोयले का आवंटन न तो संभव है और न ही जरूरी है, क्योंकि 4100 मेगावाट बिजली के लिए मध्यप्रदेश ने जितना बड़ा हाथ मारा है यह एक अद्वितीय सफलता की कहानी के रूप में रिकार्ड बन गया है। इस बड़ी-खबर का लब्बोलुआब यह है कि नीरज मंडलोई की इस भूमिका से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव दोनों गदगद है और अब मध्यप्रदेश में थर्मल पॉवर के लिए सारे कॉपोरेट्स लाइन लगाकर खड़े होने के लिए आतुर है, इसलिए टेंडर की प्रक्रिया दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में प्रारंभ हो जाये, तो चौंकिएगा मत। चौंकिएगा तब जब मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों के पिछले 5 सालों में मचाई गई अंधेरगर्दी और कर्ज के पहाड़ से निपटने की चुनौतियों को अंजाम देने के लिए कुछ आला अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच या फिर कम्पलसरी रिटायरमेंट की प्रक्रिया अपनाई जायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *