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राजीव जैन पर IT के छापे क़ो लेकर पहली बार बोले हरीश रावत

 

देहरादून अंचल की राजनीति में सक्रिय होने से पहले से ही कांग्रेस में सक्रिय थे और एक व्यवसायी के रूप में स्थापित थे। अपने मुख्यमंत्रीत्व के दौरान मैंने छोटे व्यवसायियों और व्यापार उद्यम के विषय में उनकी जानकारी को देखते हुए उनको अपना सलाहकार बनाया।

छापे को कुछ इस तरह से दिखाया व प्रचारित किया गया कि जैसे मेरे एक राजनीतिक सहयोगी और सलाहकार के घर और प्रतिष्ठानों पर छापा पड़ा है और यह प्रतिष्ठान उन्होंने मेरे प्रभाव से खड़े किए हैं। राजीव जैन के जिन व्यवसायों का उल्लेख है, उनमें से कोई व्यवसाय या कोई संपत्ति श्री राजीव जैन ने मेरे सलाहकार रहते नहीं खरीदी है। शायद भाजपा के शासन के दौरान खरीदी है। मैं पूरी दृढ़ता से कह रहा हूं कि मेरे मुख्यमंत्री काल के दौरान राजीव जैन ने कोई व्यवसायिक बड़ी खरीद-फरोख्त नहीं की है। मैं यह भी बताना चाहता हूं कि सन् 2017 के बाद जो लोग मेरी छाया के साथ खड़े होने में भी संकित रहते हैं, उनमें श्री राजीव जैन भी हैं।

हां, वो उन लोगों में सम्मिलित नहीं हुए जिन्होंने आज की सत्ता के डर से मेरे खिलाफ बोलना प्रारंभ कर दिया था। शायद इसलिये सत्ता की आंखों की किरकिरी बने हैं। मैं इस बात को पुनः दोहराना चाहूंगा कि मेरे कार्यकाल में श्री राजीव जैन ने कोई व्यवसायिक लाभ नहीं उठाया है। उस कालखंड में उन्होंने कोई भी ऐसा व्यवसायी कृत्य नहीं किया है। व्यवसाय करना अपराध नहीं है, वो पता नहीं कितनी पीढ़ियों से व्यवसाय कर रहे हैं और आगे की उनकी पीढ़ियां भी व्यवसाय करेंगी, उनके खातों की जांचें भी होंगी, जांच की प्रक्रिया पर मुझे कुछ भी नहीं कहना है।

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