लोकायुक्त ने सौरभ समेत सहयोगियों को जारी किए समन
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा पर जांच एजेंसियों का शिकंजा बढ़ता जा रहा है। लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा, उसकी पत्नी, मां और दोस्तों को समन जारी किए हैं। वहीं, इस मामले के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले में केस दर्ज कर लिया है। करोड़ों रुपए का सोना मिलने की जांच डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने भी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व कर्मचारी सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है। लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा, उसकी पत्नी, मां और दोस्तों शरद जायसवाल और चेतन सिंह के खिलाफ समन जारी कर दिए हैं। इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जिसमें डीएसपी वीरेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। जांच में हवाला एंगल को भी शामिल किया गया है और आरोपियों के बैंक खातों की भी जांच की जाएगी। लोकायुक्त ने इस मामले में सौरभ शर्मा के घर से मिली करोड़ों रुपये की संपत्ति के दस्तावेजों को भी खंगाला है। इसके अलावा, इनोवा कार में मिली सोने की बिस्किटों और नकद के बारे में भी जानकारी जुटाने के लिए लोकायुक्त आईटी विभाग को चिट्ठी लिखेगा।
सौरभ शर्मा के घर से करोड़ों रुपये की संपत्ति और कार से सोने की बिस्किटें और नकदी मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। ईडी ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। ईडी के अधिकारियों ने इस दिशा में अपनी जांच शुरू की है कि ये संपत्ति कहां से और कैसे अर्जित की गई, और क्या दूसरे देशों से पैसे का गलत तरीके से लेनदेन हुआ है। वहीं, इसके अलावा डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) भी सोने की जांच कर रहा है। एजेंसी सोना कहां से आया है इसका पता लगाएगी। इसके लिए संबंधितों से पूछताछ की जाएगी।
लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, और इस मामले में 7 करोड़ 98 लाख रुपये से अधिक की चल संपत्ति जब्त की है। लोकायुक्त के डायरेक्टर जनरल जयदीप प्रसाद ने कहा कि बरामद किए गए सोने और चांदी के जेवरातों को जब्त किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। वहीं, उन्होंने बताया कि आरोपी सौरभ शर्मा के पिता डॉ. आरके शर्मा शासकीय चिकित्सक थे। उनका 2015 में निधन होने पर सौरभ शर्मा को आरक्षक के पद पर परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी। सेवाकाल के दौरान आरक्षक विभिन्न चेक पोस्टों पर पदस्थ रहा। आरोपी सौरभ शर्मा ने जून 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार से अर्जित आय को सौरभ शर्मा ने अपनी पत्नी, मां, साली और निकट सहयोगियों चेतन सिंह गौड़, शरद जायसवाल आदि के नाम पर बेनामी अचल संपत्ति क्रय करने, होटल संचालित करने तथा भोपाल में जयपुरिया स्कूल शृंखला संचालित करने आदि में व्यय किया गया। साथ ही और दस्तावेज और रजिस्ट्रियां मिली हैं उनकी जांच की जाएगी। मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा अभी भी एजेंसियों की पकड़ से बाहर है और उसकी अब तलाश शुरू कर दी गई है। लोकायुक्त ने बताया कि सौरभ शर्मा अपने दोस्त चेतन की गाड़ी का इस्तेमाल करता था और इस गाड़ी के जरिए कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और संपत्ति का पता चला है। हालांकि, लोकल पुलिस ने इस बारे में जानकारी लोकायुक्त को नहीं दी है। लोकायुक्त पुलिस ने ईडी से जब्त संपत्ति और दस्तावेजों की जानकारी साझा करने की योजना बनाई है। इस मामले की जांच से कई नए खुलासे होने की संभावना है, और लोकायुक्त पुलिस के अधिकारियों ने इस मामले की गहरी छानबीन करने का वादा किया है।