Thu. Jan 9th, 2025

10 दिनों बाद बोरवेल से निकली चेतना, लेकिन जिंदगी की जंग हार गई..

राजस्थान के कोटपुतली जिले के किराटपुरा गांव में तीन साल की बच्ची चेतना 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी. उसको को 10 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार शाम बोरवेल से बाहर निकाला गया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. यह दर्दनाक घटना 23 दिसंबर को हुई थी, जब चेतना अपनी बहन के साथ खेलते हुए खुले बोरवेल में गिर गई और 120 फीट की गहराई पर फंस गई.

चेतना को बचाने के लिए पांच बार बोरवेल से निकालने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार असफलता हाथ लगी. इसके बाद बोरवेल के समानांतर एक गड्ढा खोदकर सुरंग बनाई गई. हालांकि, मंगलवार को पाया गया कि सुरंग गलत दिशा में खोदी जा रही थी, जिससे बचाव कार्य में देरी हुई. इस दौरान विशेषज्ञों की मदद ली गई और बोरवेल को ठीक से समझने के लिए दिल्ली और जयपुर मेट्रो के विशेषज्ञ बुलाए गए.

आखिरी 8 दिनों से कोई हलचल नहीं

बोरवेल में चेतना पर नजर रखने के लिए कैमरा लगाया गया था. हालांकि, पिछले आठ दिनों से कैमरे में कोई हलचल दिखाई नहीं दी. प्रशासन और बचाव टीम ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी. चेतना को एम्बुलेंस से कोटपुतली के बीडीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां पहले से ही मेडिकल टीम अलर्ट पर थी.

स्थानीय लोगों ने उठाए सवाल

चेतना को बचाने में हुई देरी और सुरंग खोदने में हुई गलती को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन और बचाव कार्य की योजना पर सवाल उठाए. उन्होंने चिंता जताई कि यदि समय पर चेतना को बाहर निकाला गया होता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि कोई लापरवाही नहीं बरती गई और बचाव कार्य में हर संभव प्रयास किया गया.

चेतना के दादा ने की प्रशासन की सराहना

चेतना के दादा दयाराम ने प्रशासन और बचाव टीम के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि खुले बोरवेल को तुरंत बंद किया जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.

मुख्यमंत्री भजनलाल ने पूरे मामले पर नजदीकी नजर बनाए रखी. चेतना के बचाव के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया. यह घटना एक बार फिर खुले बोरवेल और राहत कार्य की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

HMPV वायरस की दुनिया में क्या रफ्तार: किन देशों में मिल रहे संक्रमित, भारत में फिलहाल कैसी स्थिति? जानेंHMPV Virus Cases: भारत में अब तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कितने केस-कहां मिले हैं? दुनिया में इस वायरस से जुड़े मामले कहां-कहां मिले हैं? और वहां कितने संक्रमितों की बात सामने आ रही है? आइये जानते हैं… ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर दुनियाभर में अलर्ट की स्थिति है। चीन में दिसंबर के मध्य से फैल रहे संक्रमण को लेकर डर की स्थिति तब और बढ़ गई, जब भारत में एचएमपीवी के केसों की पुष्टि हुई। इस बीच चिकित्सकों और विशेषज्ञों का कहना है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि इसका अस्तित्व दुनिया में करीब 60 साल से माना जा रहा है। इसके प्रभावों को लेकर डब्ल्यूएचओ से लेकर अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थानों ने सावधान रहने को कहा है, हालांकि इसे बड़ा खतरा नहीं माना जा रहा है। इसके बावजूद पहले चीन, फिर भारत और अब कुछ और देशों में एचएमपीवी फैलने की वजह से इसकी संक्रमण दर को लेकर चिंता बनी हुई है। इतना ही नहीं ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमितों में कोरोनावायरस प्रभावितों जैसा ही संक्रमण दर्ज किया गया। इसके चलते एचएमपीवी के प्रभावों की तुलना भी कोविड-19 से की जा रही है, जो कि चीन में ही उभरने के बाद दुनिया के कई देशों में फैल गया था।