जनहित सर्वोपरि: डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री ने देर रात बुलाई आपात बैठक
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री निवास पर आपातकालीन बैठक बुलाई। बैठक में यूनियन कार्बाइड के कचरे के परिवहन और उसके निष्पादन के संबंध में वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों, शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों, और विधिवेत्ताओं के साथ गहन विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और जनता के किसी भी प्रकार के अहित को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि माननीय न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए ही किसी प्रकार की कार्यवाही की जाएगी। डॉ. यादव ने नागरिकों से अपील की कि वे झूठी अफवाहों पर ध्यान न दें, क्योंकि सरकार हर परिस्थिति में जनता के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार जनता के साथ दृढ़ता से खड़ी है। जनता का किसी भी प्रकार अहित हो, यह हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। माननीय न्यायालय के सामने विषय लाएंगे और न्यायालय के आदेश के परिपालन में ही किसी कार्यवाही पर आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें। हम सब जनता के साथ हैं। डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याणकारी, जनहितैषी तथा जनभावनाओं का आदर करने वाली सरकार है। जनता से अपील है कि किसी भ्रम में न आएं। डॉ. यादव ने शुक्रवार देर रात्रि मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में यूनियन कार्बाइड के कचरे के परिवहन एवं पीथमपुर के निकट निष्पादन किए जाने के संबंध में वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों और शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ ही विधिवेत्ताओं से विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने उप मुख्यमंत्रीद्वय जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल, वरिष्ठ सांसद और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, प्रमुख सचिव विधि सहित वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में यूनियन कार्बाइड के कचरे के विनिष्टीकरण किए जाने संबंधित कार्यों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाली सरकार है। हम सदैव जनता के हित को लेकर आगे बढ़े हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के परिपालन में यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर पहुंचाने का परिपालन किया गया है। डॉ. यादव ने कहा कि हमने न्यायालय की याचिकाओं और आदेशों के तारतम्य में सुरक्षा मापदंडों का परिपालन करते हुए केवल परिवहन किया है। माननीय न्यायालय ने इस कार्य के लिए डेडलाइन दी थी कि 4 जनवरी के पहले-पहले कचरा निर्धारित स्थान पर पहुंचना चाहिए। न्यायालय को 6 जनवरी तक इसकी रिपोर्ट अपेक्षित थी। इसी परिप्रेक्ष्य में आदेश के परिपालन में यह निर्दिष्ट स्थान पर, जो उनके द्वारा बताया गया था, परिवहन आदेश न्यायालयों द्वारा दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके ध्यान में यह बात आयी कि जनभावनाओ के लिए ऐसी परिस्थितियों में जनता तक यह विषय पहुंचना चाहिए। सुरक्षा के मापदंडों पर किसी प्रकार से कोई खतरा या कोई डर का भाव जनता के बीच आया तो राज्य सरकार यह प्रयास करेगी कि माननीय न्यायालय के समक्ष यह विषय प्रस्तुत हो। इसके बाद ही आगामी किसी प्रकार की कार्यवाही की जाए। माननीय न्यायालय जैसा आदेश देगा, हम उसका पालन करने के लिए तत्पर रहेंगे। तब तक आगे नहीं बढ़ेंगे, जब तक न्यायालय कोई निर्देश जारी नहीं करता। क्योंकि सरकार हर परिस्थिति में जनता जनार्दन के साथ खड़ी है।
बैठक के मुख्य बिंदु
जनहित और जनकल्याण सर्वोपरि:
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जनकल्याण और जनभावनाओं का आदर करती है।
आपातकालीन बैठक आयोजित: यूनियन कार्बाइड के कचरे के परिवहन और निष्पादन से जुड़े मुद्दों पर वरिष्ठ अधिकारियों और विधि विशेषज्ञों से चर्चा की गई।
न्यायालय के आदेशों का पालन अनिवार्य: मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार न्यायालय के आदेशों के अनुरूप ही कार्रवाई करेगी।
जनता से अपील: डॉ. यादव ने अफवाहों से बचने और सरकार पर भरोसा रखने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि जनता के बीच किसी प्रकार की आशंका उत्पन्न होती है, तो राज्य सरकार इस मामले को पुन: न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सुरक्षा मापदंडों का पूरा ध्यान रखा गया है और किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होने दिया जाएगा।