Thu. Jan 9th, 2025

कोयला खदान में फंसे 9 मजदूर, एक का शव बाहर निकाला

दीमा हसाओ (असम)।जिले के उमरंगसो में 300 फीट गहरी कोयला खदान में फंसे 9 मजदूरों में एक का शव बाहर निकाल लिया गया।8 अभी भी फंसे है। रेस्क्यू में अब एयरफोर्स का एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर भी जुट गए हैं।हादसा 6 जनवरी को सुबह 7 बजे हुआ था।जब  अचानक खदान में पानी भर गया। पुलिस ने खदान के मालिक पुनीश नुनिसा को गिरफ्तार कर लिया है।

हादसा 6 जनवरी को दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में स्थित 300 फीट गहरी कोयला खदान से मजदूर खदान में कोयला निकाल रहे थे।करीब सुबह 7 बजे अचानक खदान में पानी भर गया।जिसके कारण मजदूर खदान में फंस गए।जानकारी के बाद भारतीय सेना और असम राइफल्स के गोताखोर और मेडिकल टीम के साथ इंजीनियर्स टास्क फोर्स  इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम, लोकल अधिकारियों और माइनिंग एक्सपर्ट की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।इस दौरान दो मोटर की मदद से पानी निकालना शुरू किया गया।रेस्क्यू मंगलवार की रात को रोका गया फिर सुबह से रेस्क्यू जारी किया गया।इस खदान में अभी  9 मजदूर  खुसी मोहन राय, माजेरगांव, थाना फकीरग्राम, जिला: कोकराझार, असम, संजीत सरकार, रायचेंगा, जिला: जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल,लिजान मगर, असम कोयला खदान, पीएस उमरांगसो, जिला: दिमा हसाओ, असम,,गगा बहादुर श्रेठ, रामपुर (दुम्मना-2 भिजपुर), पीएस थोक्सिला, जिला: उदयपुर, नेपाल ,हुसैन अली, बागरीबारी, थाना श्यामपुर, जिला: दर्रांग, असम ,जाकिर हुसैन, 4 नंबर सियालमारी खुटी, थाना दलगांव, जिला: दर्रांग, असम, सर्पा बर्मन, खलिसनिमारी, थाना गोसाईगांव, जिला: कोकराझार, असम,सरत गोयारी, थिलापारा, बताशीपुर, डाकघर पनबारी, जिला: सोनितपुर, असम ओर मुस्तफा शेख, बागरीबारी, पीएस दलगांव, जिला: दर्रांग, असम फंसे होने की जानकारी सामने आई है।जिन्हें बचने के लिए गोताखोरों को ट्रॉली के जरिए खदान में भेजा गया है।रेस्क्यू टीम ने एक शव को बाहर निकाला है।

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HMPV वायरस की दुनिया में क्या रफ्तार: किन देशों में मिल रहे संक्रमित, भारत में फिलहाल कैसी स्थिति? जानेंHMPV Virus Cases: भारत में अब तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कितने केस-कहां मिले हैं? दुनिया में इस वायरस से जुड़े मामले कहां-कहां मिले हैं? और वहां कितने संक्रमितों की बात सामने आ रही है? आइये जानते हैं… ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर दुनियाभर में अलर्ट की स्थिति है। चीन में दिसंबर के मध्य से फैल रहे संक्रमण को लेकर डर की स्थिति तब और बढ़ गई, जब भारत में एचएमपीवी के केसों की पुष्टि हुई। इस बीच चिकित्सकों और विशेषज्ञों का कहना है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि इसका अस्तित्व दुनिया में करीब 60 साल से माना जा रहा है। इसके प्रभावों को लेकर डब्ल्यूएचओ से लेकर अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थानों ने सावधान रहने को कहा है, हालांकि इसे बड़ा खतरा नहीं माना जा रहा है। इसके बावजूद पहले चीन, फिर भारत और अब कुछ और देशों में एचएमपीवी फैलने की वजह से इसकी संक्रमण दर को लेकर चिंता बनी हुई है। इतना ही नहीं ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमितों में कोरोनावायरस प्रभावितों जैसा ही संक्रमण दर्ज किया गया। इसके चलते एचएमपीवी के प्रभावों की तुलना भी कोविड-19 से की जा रही है, जो कि चीन में ही उभरने के बाद दुनिया के कई देशों में फैल गया था।