सौरभ शर्मा कांड :सोना खाड़ी देशों से खरीद कर लाया गया -आरोपी गोलमोल जवाब दे रहे हैं
लोकायुक्त छापे में अरबों की संपत्ति का खुलासा होने के बाद देशभर में सुर्खियों में आए भोपाल के पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके राजदार लोकायुक्त पुलिस की रिमांड पर हैं। सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर को मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने अदालत में पेश कर चार फरवरी तक रिमांड पर लिया था। सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल लोकायुक्त पुलिस की पूछताछ में गोलमोल जवाब दे रहे हैं। सौरभ शर्मा ने बताया कि जिसके नाम पर जो संंपत्ति है, वो उसकी की है। उससे मेरा कोई लेना देना नहीं है। वहीं, शरद जायसवाल और चेतन गौर ने कहा कि उनके नाम पर सौरभ शर्मा ने संपत्तियां खरीदी हैं। हमारे दस्तावेजों का उपयोग किया है। इसमें ज्यादातर सोना खाड़ी देशों से खरीद कर लाया गया है। इसका कस्टम चुकाया गया है या नहीं इसकी जांच के लिए डीआरआई जांच करेगी। साथ ही यह भी पता चला है कि सौरभ ने दुबई में निवेश किया है, जिसकी जांच के लिए ईडी और आयकर भी पूछताछ करेगी। बुधवार को सौरभ शर्मा का राजदार और बिजनेस पार्टनर शरद जायसवाल ने भी कोर्ट में सरेंडर कर दिया, लोकायुक्त पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर चार फरवरी तक रिमांड पर लिया है। सौरभ शर्मा इतना शातिर है कि मेंडोरी के जंगल में स्थित एक फार्म हाउस में इनोवा के अंदर मिले 52 किलोग्राम से अधिक सोने और दस करोड़ से अधिक की नगदी को स्वीकारने से इनकार कर कर रहा है, वहीं बाकी जब्त की गई नकदी, जेवर और जमीनों के दस्तावेज की पूरी जानकारी देने के लिए समय मांगा है। वहीं, चेतन सिंह और और शरद जायसवाल सौरभ शर्मा के बिजनेस पार्टनर हैं और दोनों ने कहा कि सौरभ ने ही उनके दस्तावेजों व नाम का उपयोग कर संपत्तियां खरीदी हैं, वह संपत्तियां मेरी नहीं हैं। 52 किलोग्राम से अधिक सोना और 10 करोड़ से अधिक की नकदी किसकी है, यह पता लगाने के लिए अब केंद्रीय वित्त मंत्रालय के डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) की एंट्री होने जा रही है। आयकर विभाग द्वारा सौरभ शर्मा से जुड़ी इनोवा में 52 किलोग्राम से अधिक सोना और 10 करोड़ से अधिक की नकदी किसकी है, इसका पता नहीं लगा पाई है। अब इस केस में डीआरआई के अधिकारी आएंगे और सौरभ शर्मा व अन्य किरदारों से इस संबंध में पूछताछ करेंगे।
शरद जायसवाल को मिला था नोटिस
लोकायुक्त एसपी ने सौरभ शर्मा केस के तीसरे आरोपी और सौरभ के बिजनेस पार्टनर शरद जायसवाल को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था। उसे 27 जनवरी को लोकायुक्त कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन वह अगले दिन कार्यालय पहुंचा। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रात करीब आठ बजे उसकी गिरफ्तारी कर ली गई थी।
रात 11 बजे बिगड़ी शरद की तबीयत
बीती रात करीब 11 बजे अचानक शरद की तबीयत बिगड़ी थी, जिसके बाद उसे मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया। डॉक्टरों की जांच-पड़ताल के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के दौरान पुलिस ने पूछताछ के लिए रिमांड मांगी थी। शरद के वकील सूर्यकांत भुजाड़े ने रिमांड का विरोध नहीं किया, लेकिन कोर्ट को बताया कि शरद की तबीयत खराब है। इस पर लोकायुक्त की तरफ से पैरवी करते हुए एडीपीओ विवेक गौर ने कोर्ट को बताया कि शरद की सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई हैं। इस पर जज ने शरद को जरूरी उपचार और खानपान का ध्यान रखने के निर्देश देने के साथ ही उसे रिमांड पर भेज दिया।
तीन बजे रात तक चलती रही पूछताछ
मंगलवार को सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर से रात करीब तीन बजे तक अलग-अलग पूछताछ की जाती रही। सौरभ और उसके साथियों को होटल से लाया गया भोजन दिया गया था। रात तीन बजे एक कंबल देकर उसे सोने के लिए बोल दिया गया। बुधवार सुबह उठने के बाद उसने चाय और बिस्किट लिया था। उसके बाद पुलिस अफसरों ने दोनों से पूछताछ शुरू कर दी थी, लेकिन जांच एजेंसियां उससे कुछ उगलवा नहीं पा रही हैं। वह इतना राज दबाए हुए हैं कि अगर बोल दे तो कई नेता व अधिकारी नप जाएं।