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राजेश सूरी हत्याकांड…बंद लिफाफे के संबंध में सीजेएम कोर्ट ने की रिपोर्ट तलब, पढ़ें पूरा मामला

अधिवक्ता राजेश सूरी की साल 2014 में नैनीताल से लौटते हुए संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उन्होंने मौत से करीब 12 साल पहले एक बंद लिफाफा एडीएम कार्यालय में रखा था। इस लिफाफे में 42 नाम दर्ज हैं। राजेश सूरी की बहन रीता सूरी ने लिफाफा खोलने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट ने दिवंगत अधिवक्ता राजेश सूरी के बंद लिफाफे के राज उजागर करने और एसआईटी की अब तक की जांच रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट को अधिवक्ता सूरी की बहन रीता सूरी ने लिफाफे में लिखे नामों को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर प्रार्थनापत्र दिया था। इस मामले में कोर्ट ने आगामी चार फरवरी की तिथि मुकर्रर की है।

गौरतलब है कि अधिवक्ता राजेश सूरी की साल 2014 में नैनीताल से लौटते हुए संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उन्होंने मौत से करीब 12 साल पहले एक बंद लिफाफा एडीएम कार्यालय में रखा था। इस लिफाफे में 42 नाम दर्ज हैं। राजेश सूरी की बहन रीता सूरी ने लिफाफा खोलने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके क्रम में गत जुलाई 2023 में बंद लिफाफा खोला गया, लेकिन नामों को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया। पिछले दिनों रीता सूरी ने आईजी गढ़वाल से अपील की थी कि इस पत्र में लिखे नामों को उजागर किया जाए। बताया कि बंद लिफाफा जिला अधिकारी की ओर से गठित कमेटी के सामने खोला गया था।

रीता सूरी के मुताबिक जानकारी मिली थी कि लिफाफे में बंद पत्र में 42 लोगों के नाम हैं। इनमें से आठ लोगों के बयान दर्ज हो गए हैं। जबकि, नौ लोगों की मृत्यु हो चुकी है। अब भी 25 लोगों की खोज की जा रही है। अब रीता सूरी इस मांग को लेकर सीजेएम कोर्ट गई थीं। कोर्ट से उन्होंने अब तक की एसआईटी की जांच के बारे में भी पुलिस से पूछे जाने की गुहार लगाई। इस पर कोर्ट ने आगामी चार फरवरी को पुलिस को यह रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।I

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