Sat. Feb 22nd, 2025

जीवाजी विवि में नए कुलगुरु ने ग्रहण किया पदभार, NSUI ने बर्खास्त कुलगुरु की कुर्सी का किया शुद्धिकरण

जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के कुलगुरु प्रोफेसर अविनाश तिवारी को बर्खास्त कर दिया गया। बुधवार को नए कुलगुरु के रूप में डॉ. राजकुमार आचार्य को कुर्सी संभाली, लेकिन उससे पहले एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। एनएसयूआई ने कुलगुरु की कुर्सी का चेंबर में घुसकर गंगाजल से शुद्धिकरण कर डाला। इस दौरान सुरक्षा गार्ड ओर कार्यकर्ताओं में जमकर बहस हुई। अब नए कुलगुरु ने पदभार संभाल तो लिया, लेकिन सवाल ये है कि बाकी 17 प्रोफेसरों का क्या हुआ, जो फर्जीवाड़े के बाद भी पद पर बने हुए हैं और कॉलेजों का निरीक्षण करने के बाद मान्यता की अनुशंसा करते हैं।राज्यपाल व कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में मंगलवार देर रात धारा 52 का उपयोग करते हुए कुलगुरु प्रोफेसर अविनाश तिवारी को पद से हटा दिया था। विवि के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी कुलगुरु को इस तरह हटाया गया। अविनाश तिवारी पर एक महीने पहले 13 जनवरी को ईओडब्ल्यू ने फर्जी कॉलेज को मान्यता के मामले में आपराधिक मामला दर्ज किया था। इस बीच, नए कुलगुरु राजकुमार आचार्य जैसे ही पदभार ग्रहण करने पहुंचे, विवि में फिर हंगामा खड़ा हो गया। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कुलगुरु की कुर्सी का गंगाजल से धोकर शुद्धिकरण कर डाला। कांग्रेस समर्थक इस छात्र संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस कुर्सी से बहुत भ्रष्ट्राचार हुए हैं, इसलिए शुद्धिकरण किया। साथ ही नए कुलगुरु से अपेक्षा की है, वो भी आगे ऐसा कोई काम न करें, जिससे यूनिवर्सिटी पर दाग लगे।मुरैना के झुंडपुरा गांव स्थित शिवशक्ति महाविद्यालय को मान्यता देने में फर्जीवाड़ा के केस में ईओडब्ल्यू ने दो कुलगुरु प्रोफेसर अविनाश तिवारी सहित 18 प्रोफेसर्स पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इस कॉलेज का कोई अस्तित्व नहीं था, इसके बाद भी लगातार कई सालों से संबद्धता दी जा रही थी। इसके बाद, लगातार धरने ओर प्रदर्शन के दौर चले थे।

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