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टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव’ में सबने माना इंदौर क्लीन सिटी, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा बनाएंगे इंदौर को ग्रीन सिटी, प्रतिव्यक्ति आय है आज 1.52 लाख, 2047 तक मप्र में प्रतिव्यक्ति आय का लक्ष्य 22 लाख: डॉ. मोहन यादव

मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय आज की तारीख 1.52 लाख रुपये है लेकिन हमारा लक्ष्य है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार मप्र में प्रतिव्यक्ति आज 22 लाख हो जाना चाहिए और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम पूरी तरह संकल्पित हैं। यह बात कल मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा एमपीआईडीसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेन्टर में देश विदेश से आए हुए 2000 से अधिक प्रतिनिधियों के सम्मेलन में दावे के साथ कही। उन्होंने कहा कि उद्योगों का निर्माण किसी मंदिर के बनने की तरह है। उद्योग ऐसे मंदिर हैं जो भगवान की तरह दर्शन जीविका का प्रसाद और आशीर्वाद देते हैं। श्रम शक्ति से लाखों व्यक्तियों को रोजी-रोटी मिलती है। आज के तकनीकी दौर में छोटे देश भी प्रगति कर रहे हैं। युद्धों से विकास में पिछडऩे वाले देश भी उद्यमशीलता से विकसित हो जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आज बदलते दौर का भारत देख रहे हैं, जहां कई क्षेत्रों में तीव्र प्रगति हो रही है। इंदौर ने उद्योगों के विकास का कीर्तिमान बनाया है, इंदौर आईटी क्षेत्र की राजधानी है। इंदौर में श्री अतुल पंचशील जैसे उद्योगपति विशिष्ट कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया प्रदेश में पाँच बड़े नगरों में आईटी पार्क प्रारंभ किये जा रहे हैं। कोरिया जैसे देश जिनसे भारत का पुराना सांस्कृतिक नाता है, वे भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिये इच्छुक हैं। आज की कॉन्क्लेव में कोरिया और जापान से भी प्रतिनिधि आये हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव से लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 75 हजार रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज के टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के भूमि-पूजन एवं शिलान्यास भी हुए हैं। इसमें से जीआईएस-भोपाल में आईटी सेक्टर में प्राप्त 99 प्रस्तावों में से 25 प्रतिशत का आज भूमि-पूजन हुआ है, जो इस बात का द्योतक है कि हम बस वादे नहीं करते, उन्हें धरातल पर उतारकर भी दिखाते हैं। डॉ. मोहन यादव ने एक टेक ग्रोथ कान्क्लेव सफलता का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय हिन्दी मेल के इस प्रतिनिधि से कहा कि टेक ग्रोथ कान्क्लेव सफलता के शिखर पर पहुंचा है। उन्होंने बाद में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, भोपाल जिले के बैरसिया में मोबाईल, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क बनाने वाले प्रतिष्ठान विश्व स्तरीय अधोसंरचना का लाभ प्राप्त करेंगे। लगभग 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के इस मेगा प्रोजेक्ट से बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना संभव होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल के बैरसिया में महत्वपूर्ण निवेश करीब 1500 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफलता मिली है। स्पेस टेक नीति के अंतर्गत यह कार्य होगा। इससे सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में नया दौर सामने आयेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर में एग्रीटेक उत्कृष्टता केन्द्र बनेगा। मुख्यमत्री ने बताया कि ड्रोन तकनीक क्षेत्र में एक समझौता भी हुआ है जिसके तहत मप्र में ड्रोन प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, परदेशीपुरा आईटी पार्क से नई संभावनाएँ विकसित होंगी। इंदौर आईटी क्षेत्र की नई राजधानी बन गयी है। उन्होंने बार-बार दोहराया कि, इंदौर क्लीन सिटी है और अब ग्रीन सिटी की तरफ हमारे कदम बढ़ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी ने देश में अद्भूत कार्य किये हैं। उनके विकसित भारत – 2047 के संकल्प के अनुसार मध्यप्रदेश में निरंतर कार्य हो रहे है। जीआईएस-भोपाल से उद्योग स्थापना के सभी रिकार्ड टूटे हैं। उद्योगपति स्वयं यह कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में एक माह में उद्योग लगाने का कार्य संभव हुआ है। डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश तेज गति से कृषि विकास दर प्राप्त कर रहा है। आगामी 3 मई को कृषि मेला आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 11 हजार से बढ़कर एक लाख 52 हजार रुपये तक पहुंच गयी है। उन्होंने ने कहा कि इंदौर में आज हुई कॉन्क्लेव में एमओयू करने वाले सभी औद्योगिक संस्थान बधाई के पात्र हैं। कॉन्क्लेव के दौरान चार नई औद्योगिक नीतियों की गाइड लाईन जारी की गयी। उल्लेखनीय है कि, उज्जैन से शुरू हुआ रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव का सफर भोपाल में 25 फरवरी को आयोजित किए गए जीआईएस की सफलता के शिखर पर पहुंच रहा है। यूं कहा जाए कि पिछले 17 वर्षों में मप्र में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के जमाने में भी ग्लेाबल इन्वेस्टर्स समिट इंदौर में हुए थे और आधे से अधिक नौकरशाह आज भी है जिन्होंने पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के निर्देश पर न जाने कितने एमओयू कराए लेकिन धरातल पर कोई नहीं आया इसलिए कल इंदौर में टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव इस बात को प्रमाणित करता है कि, मोहन सरकार में इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर सैर- सपाटा और घोटाला ही होगा। अब जो भी इंवेस्टर्स मप्र प्रदेश आएंगे वे उद्योग भी लगाएंगे और रोजगार भी लाखों की संख्या में उपलब्ध करा जाए तो चौंकिएगा मत और चौंकिएगा तब जब मुख्य सचिव अनुराग जैन मप्र में आने वाले उद्योगपतियों को सिंगल विंडो सिस्टम पर आधारित नई उद्योग नीति में उन्हें लाभ पहुंचाने में समय से पहले निर्णायक हो जाए, वरना…

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