देवी अहिल्या की 300वीं जयंती पर मोहन सरकार के ऐतिहासिक फैसले
मध्यप्रदेश की धरती पर सोमवार को राजनीति और सांस्कृतिक परंपरा का अद्वितीय संगम देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य की कैबिनेट बैठक इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा दरबार हॉल में आयोजित की गई। यह बैठक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को समर्पित रही, जिसमें कुल 3867 करोड़ रुपये की योजनाओं और निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी गई। इस ऐतिहासिक बैठक में मंत्रीगण पारंपरिक धोती-कुर्ता और भगवा दुपट्टा धारण कर पहुंचे तथा देवी अहिल्या की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित की गई। बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई नागरिक किसी घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाता है, तो पुलिस द्वारा कलेक्टर को पत्र भेजा जाएगा। इस निर्णय से आम लोगों में कानून का भय कम होगा और घायलों को त्वरित उपचार मिल सकेगा। विजयवर्गीय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को भोपाल आएंगे। वे दो लाख महिलाओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वे इंदौर मेट्रो, दतिया और सतना एयरपोर्ट का लोकार्पण भी करेंगे। साथ ही महिला कामगारों के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में वर्किंग वूमन हॉस्टल निर्माण की भी आधारशिला रखी जाएगी। कैबिनेट ने इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर के लिए मेट्रोपॉलिटन विकास प्राधिकरण बनाने को मंजूरी दी। इसमें देवास और धार के कुछ हिस्सों को भी शामिल किया जाएगा। यह अथॉरिटी भविष्य की पानी, यातायात, खेती व अन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर योजना तैयार करेगी। सभी संबंधित विधायक इसमें सुझाव दे सकेंगे और नगर निगमों के कार्यों को बाधित किए बिना योजनाएं बनाई जाएंगी।
मुख्य घोषणाएं और योजनाएं:
युवाओं के लिए लोकमाता अहिल्या प्रशिक्षण कार्यक्रम:
सरकार ने युवाओं के कौशल विकास को समर्पित लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना को मंजूरी दी। इस योजना में युवाओं को तकनीकी और रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाएगा। जरूरतमंदों को बैंक ब्याज में सालाना 1000 रुपये तक की छूट मिलेगी। अधिकतम 10 हजार रुपये तक की ब्याज सब्सिडी जीवनभर लागू रहेगी। योजना पर प्रति वर्ष लगभग 100 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा।
शहरी नियोजन को नया ढांचा: महानगर क्षेत्र विकास अधिनियम-2025:
राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास अधिनियम-2025 को मंजूरी दी, जिससे इंदौर- उज्जैन-देवास-धार और भोपाल-सीहोर-रायसेन-विदिशा-ब्यावरा में महानगर योजना समितियाँ और महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण गठित होंगे। भविष्य की जल, यातायात, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग संबंधी आवश्यकताओं के अनुसार समग्र विकास योजनाएं बनाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता मिशन को 2028-29 तक विस्तार:
योजना पर अगले चार वर्षों के लिए 227.05 करोड़ रुपये स्वीकृत। डी-स्लजिंग वाहन, कचरा परिवहन गाडयि़ां, सफाई उपकरण, और सफाई मित्रों के लिए पीपीई किट खरीदी जाएगी।
महिला सशक्तिकरण 26 वर्किंग वूमन हॉस्टल:
उज्जैन, धार, भिंड और रायसेन में 249.66 करोड़ रुपये की लागत से 26 हॉस्टलों का निर्माण। हर हॉस्टल में 222 बेड, रियायती दर पर भोजन, फूड कोर्ट, मनोरंजन क्षेत्र और झूला घर जैसी सुविधाएं। योजना भारत सरकार की स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इंवेस्टमेंट 2024-25 के तहत।
अद्वैत लोक परियोजना को पुनरीक्षित मंजूरी:
ओंकारेश्वर में आचार्य शंकराचार्य की स्मृति में अद्वैत लोक परियोजना के लिए 2195.54 करोड़ रुपये की स्वीकृति। संग्रहालय, अद्वैत वेदांत संस्थान, परियोजना सूचना केंद्र, शंकर सेतु और फाइव स्टार सुविधाओं वाला तीर्थ क्षेत्र विकसित होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार:
इंदौर के एमवाय अस्पताल में 773 करोड़ रुपये से आधुनिक चिकित्सालय भवन, नर्सिंग हॉस्टल और पार्किंग निर्माण। रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज को 321.94 करोड़ रुपये से अपग्रेड किया जाएगा।
अन्य प्रमुख घोषणाएं किसानों के लिए राहत:
न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2600 रुपये प्रति क्विंटल किया गया, जिससे 20 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया गया।
महेश्वर के बुनकरों के लिए योजना:
100 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा, जिसमें स्किल ट्रेनिंग और ब्याज अनुदान शामिल।
‘घायल को मदद’ नीति:
किसी घायल को अस्पताल ले जाने वाले नागरिकों को कानूनी सुरक्षा देने का फैसला।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की तैयारी:
31 मई को भोपाल में महिला सम्मेलन, इंदौर मेट्रो और एयरपोर्ट परियोजनाओं का लोकार्पण।
राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व:
इस ऐतिहासिक बैठक में अनुपस्थित रहे वन मंत्री विजय शाह, जिनके खिलाफ एक हालिया बयान के चलते जांच जारी है। वहीं अन्य मंत्रीगण लालबाग पैलेस से राजवाड़ा तक इलेक्ट्रिक एसी बसों में पहुंचे, जो पर्यावरण संरक्षण की प्रतीकात्मक पहल रही। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन घोषणाओं को राज्य के सर्वांगीण विकास और देवी अहिल्या के आदर्शों की दिशा में ठोस कदम बताया।
एक ऐतिहासिक दिन, दूरदर्शी फैसले:
राजवाड़ा की धरती पर हुई यह कैबिनेट बैठक न केवल ऐतिहासिक थी, बल्कि विकास, महिला सशक्तिकरण, आध्यात्मिक चेतना और नागरिक सुविधा के दृष्टिकोण से दूरगामी प्रभाव डालने वाली सिद्ध हो सकती है। देवी अहिल्या के 300वें जन्मवर्ष में यह बैठक उनके दृष्टिकोण को आधुनिक मध्यप्रदेश की योजनाओं में समाहित करती प्रतीत होती है।