सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव बोले…
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि इससे संबंधित सभी अधोसंरचना कार्यों को समयबद्ध तरीके से शीघ्र पूर्ण किया जाए। प्रत्येक कार्य की समय-सीमा निर्धारित कर, उसकी निगरानी और क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। वे बुधवार को मंत्रालय में आयोजित सिंहस्थ 2028 की मंत्रि-परिषद समिति की तीसरी बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेन्द्र शुक्ल, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह और गोविंद सिंह राजपूत उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक और कार्यालीन प्रक्रियाएं वर्षाकाल से पूर्व पूरी कर ली जाएं, ताकि बरसात के बाद निर्माण कार्य बिना किसी देरी के प्रारंभ हो सके। यदि नगर निगम उज्जैन, विकास प्राधिकरण या अन्य निर्माण एजेंसियों में तकनीकी अधिकारियों या कर्मचारियों की कमी है, तो अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति के माध्यम से यह कमी तत्काल दूर की जाए।डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ में लाखों श्रद्धालु देशभर से आएंगे, जिनका प्रमुख आवागमन माध्यम रेलमार्ग होगा। इसलिए रेलवे के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि महाकालेश्वर (उज्जैन), ओंकारेश्वर (खंडवा) और मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों तक श्रद्धालुओं की यात्रा सहज और सुरक्षित हो।मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ में स्नान व पेयजल, सीवरेज, आवास, कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं और यातायात व्यवस्था की विभागीय प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने जल संसाधन, लोक निर्माण, पर्यटन, नगरीय विकास और आवास विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की स्थिति की जानकारी ली। बैठक में कान्ह नदी डायवर्जन, 30 किमी घाट निर्माण, क्षिप्रा नदी में निरंतर जल प्रवाह के लिए सिलार खेड़ी सेवर खेड़ी बांध, क्षिप्रा व कान्ह नदी पर बैराजों के निर्माण की स्थिति की जानकारी प्रस्तुत की गई। इंदौर-उज्जैन मार्ग के सिक्स लेन में चौड़ीकरण, इंदौर-उज्जैन वैकल्पिक मार्ग, इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर और महेश्वर में यात्री सुविधाओं के विस्तार सहित अन्य पर्यटन सुविधाओं के निर्माण की स्थिति की भी समीक्षा की गई।