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पचमढ़ी में मोहन कैबिनेट की बैठक आज, इतिहास पुरुष राजा भभूत सिंह को होगी समर्पित

मध्यप्रदेश सरकार जनजातीय गौरव और प्राचीन विरासत के सम्मान में एक और ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक 3 जून को पचमढ़ी स्थित राजभवन में आयोजित की जाएगी। यह विशेष कैबिनेट बैठक जनजातीय योद्धा और गौरवशाली इतिहास पुरुष राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी। बैठक के दौरान जनजातीय संस्कृति, प्राकृतिक धरोहरों और क्षेत्रीय विकास को केंद्र में रखते हुए अनेक नीतिगत निर्णयों की उम्मीद की जा रही है। राजा भभूत सिंह, जिन्होंने पचमढ़ी की पहाडिय़ों को अंग्रेजों से संघर्ष और शासन संचालन के लिए केन्द्र बनाया, उनके पराक्रम और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को मुख्यमंत्री डॉ. यादव विशेष रूप से स्मरण करेंगे। यह बैठक महज़ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि जनजातीय इतिहास और स्थानीय गौरव को राष्ट्रीय मंच देने की एक सशक्त पहल है। मुख्यमंत्री का यह प्रयास ‘विरासत से विकास’ की अवधारणा को साकार करता है। पचमढ़ी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव पर्यटन विभाग की महत्वपूर्ण विकास योजनाओं की भी सौगात देंगे। वे लगभग 33.88 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण हुए 11 विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे तथा 20.49 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाले 6 नए कार्यों का भूमि- पूजन करेंगे। इन योजनाओं में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार से लेकर आधारभूत संरचनाओं के उन्नयन तक कई महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। प्रमुख विकास कार्यों में जयस्तंभ क्षेत्र के मार्गों का सौंदर्यीकरण, धूपगढ़ पर जल आपूर्ति हेतु पाइपलाइन और पंप हाउस की स्थापना, पचमढ़ी के प्रवेश द्वार का सौंदर्यीकरण, सतपुड़ा रिट्रीट में किचन, रेस्टोरेंट और स्वीमिंग पूल का नवनीकरण, तथा जटाशंकर और पांडव गुफाओं पर महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए पिंक टॉयलेट लाउंज का लोकार्पण शामिल है। इसके अलावा हांडी खो और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यटक सुविधाओं का विकास, रूढ्ढष्टश्व योजना के अंतर्गत कम्युनिटी सेंटर, ग्लेन व्यू में केंद्रीय नर्सरी की स्थापना और हिलटॉप बंगले को होम-स्टे में परिवर्तित करने जैसी परियोजनाएं भी इस विकास कार्यक्रम का हिस्सा होंगी। कैबिनेट बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री पचमढ़ी में पौधरोपण कार्यक्रम में भी भाग लेंगे, जो पर्यावरणीय संरक्षण और स्थायी विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस समाचार विश्लेषण का लब्बोलुआब यह है कि पचमढ़ी, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है, अब इस मंत्रिपरिषद बैठक के माध्यम से जनजातीय इतिहास और राज्य सरकार की संवेदनशील नीतियों का साक्षी बनेगा। यह आयोजन निश्चित ही न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक चेतना और विरासत को सहेजने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास साबित होगा। पचमढ़ी में मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल की पिछली बैठक 26 और 27 मार्च 2022 को आयोजित की गई थी। यह बैठक तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुई थी और इसका उद्देश्य राज्य के विकास के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं एवं विषयों पर चर्चा करना था। बैठक में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण पर विशेष जोर दिया गया था।

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