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रोहतांग और बारालाचा में हुआ डेढ़ फीट हिमपात, मई में राहत देगी अप्रैल की वर्षा

शिमला। हिमाचल में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से कई जगह शनिवार रात को वर्षा व हिमपात हुआ है। रोहतांग, बारालाचा, शिंकुला व कुंजुम दर्रों में एक से डेढ़ फीट हिमपात दर्ज किया गया है। चंबा जिला के पांगी में रविवार को हिमपात हुआ है। ओलावृष्टि व आंधी के कारण शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में गुठलीदार फलों के साथ सेब को नुकसान हुआ है।

बगीचों में सेब के फूल झड़ गए हैं। मौसम विभाग ने 29 अप्रैल के लिए सभी जिलों में आंधी, भारी वर्षा व ओलावृष्टि का आरेंज अलर्ट जारी किया है। इस कारण फलों और फसलों के नुकसान की आशंका है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। इस कारण गेहूं की फसल को नुकसान पहुंच सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ 30 अप्रैल तक सक्रिय रहेगा। चंबा में रविवार को नौ मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। पहली मई से पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने का अनुमान है। चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला व सोलन में 40 किलोमीटर की गति से आंधी, ओलावृष्टि व बिजली गिरने के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है। डलहौजी में अधिकतम तापमान में 10.8 डिग्री, चंबा में 8.1, रिकांगपिओ में 7.8 डिग्री जबकि अन्य स्थानों पर एक से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई है।

राजधानी शिमला में अप्रैल महीने में हो रही वर्षा मई में राहत देगी। मई में गर्मी चरम पर होती है, इस दौरान शिमला शहर को पानी की आपूर्ति करने वाले जलस्रोतों में पानी सूख जाता है। इस कारण शिमला शहर को पानी की सप्लाई लगभग आधी घट जाती है। ऐसे में शहर में पानी की किल्लत झेलनी पड़ती है।

शहर के कई क्षेत्रों में चार से पांच दिन छोड़कर भी पानी आता है, लेकिन इस बार अप्रैल में हो रही वर्षा से पेयजल स्रोतों में जलस्तर बढ़ने लगा है। अप्रैल के शुरुआती दिनों में जहां पेयजल स्रोतों में जहां पानी कम होना शुरू हो गया था। इस कारण शहर के लिए पानी की आपूर्ति घट गई थी।

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