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आईआईटी गुवाहाटी ने विकसित की 3डी प्रिंटेड डमी बैलेट यूनिट, बढ़ेगी मतदाताओं की भागीदारी और जागरूकता

मंडी। नए मतदाताओं और वरिष्ठ नागरिकों को मतदान प्रक्रिया अब आसानी से समझ आएगी। उनकी मतदान प्रक्रिया से जुड़ी आशंका और अनिश्चिता भी दूर होंगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) गुवाहाटी ने इनोवेटिव 3डी प्रिंटेड डमी बैलेट यूनिट विकसित किया है। 3डी प्रिंटेड डिवाइस मकई स्टार्च से बनाया गया है। यह बायोडिग्रेडेबल और पर्यावरण अनुकूल है। इस पहल का उद्देश्य स्वीप सेल के सहयोग से मतदाता जागरूकता और भागीदारी बढ़ाना है। अत्याधुनिक 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करते हुए डमी बैलेट यूनिट पालीएलेक्टिक एसिड से बनाई गई है। यह मकई स्टार्च से प्राप्त एक बायोडिग्रेडेबल और पर्यावरण अनुकूल सामग्री है। शोधार्थियों ने मतदान प्रक्रिया के दौरान उपयोगकर्ताओं की सहायता के लिए आउटपुट संकेतक के रूप में ध्वनि और प्रकाश जैसी इंटरेक्टिव सुविधाओं को शामिल करते हुए केवल 48 घंटे के अंदर डिवाइस को डिजाइन और निर्मित किया है। डमी मतपत्र इकाई न केवल पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ है बल्कि पुन प्रयोज्य भी है। जो मतदाता शिक्षा पहल में स्थायी प्रथाओं में योगदान करेगी। विकसित मतपत्र इकाई के महत्व पर आइआइटी गुवाहाटी के सहायक प्रोफेसर अजीत कुमार कहना है कि अपनी इंटरेक्टिव विशेषताओं और बायोडिग्रेडेबल सामग्री के साथ यह अभिनव उपकरण नागरिकों को मतदान प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने में एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करेगा। लोगों को आत्मविश्वास के साथ लोकतंत्र में भाग लेने के लिए सशक्त बनाएगा।

प्रोफेसर परमेश्वर के अय्यर डीन आईआईटी गुवाहाटी का कहना है कि यह उपकरण मतदाताओं की चिंता को कम करने, मतदान की गहरी समझ के साथ नागरिकों को सशक्त बनाएगा। बायोडिग्रेडेबल का उपयोग करके इन पोर्टेबल मतपत्र इकाइयों का तेजी से डिजाइन और निर्माण पालिमर सामग्री संस्थान के डिज़ाइन विभाग की नवीन भावना को रेखांकित करता है। असम के कामरूप जिले के साथ साझेदारी करने और इसकी सफलता के लिए इस प्रमुख पहल को शुरू करने पर संस्थान को गर्व है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया,मतदाता जागरूकता और शिक्षा की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

ऐसे काम करेगा डमी बैलेट यूनिट

मोबाइल फोन के आकार के डमी बैलेट यूनिट के अंदर नैनाे तकनीक लगी हुई है। यह आम बैलेट यूनिट की तरह काम करेगा। डमी तौर पर प्रत्याशी का नाम व चुनाव चिन्ह चिप में फीड होगा। बटन दबाने पर लाइट जगेगी और ध्वनि सुनाई देगी। इसमें कोई डेटा स्टोर नहीं होगा। पहले से प्रशिक्षण मिलने पर मतदाताओं को मतदान के दौरान अपने मताधिकार का प्रयोग करने में दिक्कत नहीं होगी। उपकरण की

आईआईटी गुवाहाटी के सहायक प्रोफेसर अजीत कुमार ने कहा कि डमी बैलेट यूनिट की शुरुआत असम के कामरूप जिले से जिला आयुक्त कीर्ति जल्ली ने की है। जल्द ही यह तकनीक चुनाव आयोग को सौंपी जाएगी। पेटेंट के लिए जल्द आवेदन करेंगे।

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