इंडियन बैंक के नतीजे जारी, मुनाफा 55 प्रतिशत बढ़कर 2247 करोड़ रुपये हुआ, NII नौ प्रतिशत बढ़ा
इंडियन बैंक ने मार्च तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। बैंक के परिणामों के अनुसार चौथी तिमाही (Q4FY24) में कंपनी का मुनाफा 55 प्रतिशत बढ़कर 2,247 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 1,447 करोड़ रुपये था। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की ब्याज से होने वाली आमदनी (NII) चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 9% बढ़कर 6,015 करोड़ हो गई है। पिछले साल चौथी तिमाही में बैंक को ब्याज से होने वाली आमदनी 5,508 करोड़ रुपये थी।
2027-28 तक वैश्विक हवाई यातायात में 50 फीसदी हो जाएगी भारत की हिस्सेदारी: क्रिसिल
भारतीय विमानन कंपनियां 2027-28 तक देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात की आधी जरूरतें पूरी करने में सक्षम होंगी। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा, इस अवधि तक अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात में घरेलू विमानन कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़कर 50 फीसदी पहुंच जाएगी। 2023-24 में यह 43 फीसदी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय विमानन कंपनियों की हिस्सेदारी वैश्विक महामारी के बाद से तेज रफ्तार से बढ़ी है। भारत का अंतरराष्ट्रीय हवाई ट्रैफिक 2020-21 के एक करोड़ से बढ़कर 2023-24 में सात करोड़ के स्तर पर पहुंच गया।
कोल इंडिया से सरकार को मिले 60,140 करोड़
कोल इंडिया का सरकारी खजाने में योगदान 2023-24 में 6.4 फीसदी बढ़कर 60,140.31 करोड़ रुपये पहुंच गया। यह योगदान रॉयल्टी समेत अन्य शुल्क के रूप में दिया गया। कंपनी ने 2022-23 में सरकारी खजाने में 56,524.11 करोड़ का योगदान दिया था।
20 लाख टन चीनी निर्यात की मिले मंजूरी
नई दिल्ली। उद्योग निकाय इस्मा ने सरकार से सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में 20 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया है। इस्मा ने कहा, अधिशेष चीनी की खेप के निर्यात से मिलों की नकदी में सुधार होगा, जिससे वे समय पर गन्ना किसानों को भुगतान कर सकेंगे।
बीआईएस इनोवेशन समिट में शामिल हुए दास
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है, लेनदेन का ब्योरा स्थायी रूप से हटाने से ई-रुपये यानी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) में गोपनीयता आ सकती है। इससे ई-रुपया कागजी मुद्रा के समकक्ष हो सकती है। दास ने सोमवार को बीआईएस इनोवेशन समिट में कहा, भारत अपने वित्तीय समावेशन लक्ष्यों में मदद के लिए प्रोग्रामेबिलिटी फीचर पेश करने के साथ सीबीडीसी को ऑफलाइन मोड में भी हस्तांतरित करने लायक बनाने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, गोपनीयता के मसले का समाधान कानून या प्रौद्योगिकी से किया जा सकता है। मसलन, लेनदेन को स्थायी रूप से हटाकर। इसके पीछे मूल सिद्धांत यह है कि सीबीडीसी में नकदी की ही तरह गोपनीयता हो सकती है। न अधिक और न ही कम। सीबीडीसी की प्रायोगिक शुरुआत के बाद से ही कुछ लोगों में यह चिंता है कि इसके इस्तेमाल से लेनदेन का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा।