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गुलाम नबी आजाद के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे विपक्ष के नेता

दिल्ली । बजट सत्र के आखिरी दिन 15 फरवरी को मौजूदा प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उससे पहले राज्यसभा के लिए कांग्रेस (Congress) ने अपना नेता प्रतिपक्ष चुन लिया है। पार्टी की तरफ से गुलाम नबी के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) नेता प्रतिपक्ष नेता होंगे। कांग्रेस ने इस संबंध में संसद के राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है।

गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल 15 फरवरी को समाप्त हो रहा है। जिसके बाद यह पद खाली हो जाएगा। गुलाम नबी जम्मू-कश्मीर से उच्च सदन के सदस्य हैं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद वहां परिसीमन का काम हो रहा है। परिसीमन कार्य समाप्त होने बाद वहां विधानसभा चुनाव होंगे। इसके बाद उच्च सदन के सदस्यों के चुनाव होंगे।

वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे 2014 से 2019 तक लोकसभा में कांग्रेस के नेता था। पार्टी को लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद नहीं मिल है, क्योंकि सदन में उनकी संख्या कम है। नेता प्रतिपक्ष पद के लिए निचले सदन की कुल सीटों का 10 प्रतिशत कम से कम होना चाहिए।

वहीं राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद की विदाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गुलाम नबी का विपक्ष के नेता के रूप में स्थान लेगा उसे काम करने में काफी दिक्कते होंगी, क्योंकि गुलाम जी अपने दल की चिंता के साथ देश और सदन की भी चिंता करते थे। पीएम मोदी ने कहा, कोरोना महामारी के वक्त गुमाम नबी जी ने मुझे फोन किया और कहा कि सभी पार्टी अध्यक्षों की बैठक जरूर बुलाए। इसके बाद मैंने उनके सुझाव को मानकर मीटिंग बुलाई। उन्होंने कहा कि एक दोस्त के रूप में नबी जी का घटना और अनुभवों के आधार पर आदर करता हूं। मुझे विश्वास है कि उनकी सौम्यता, विनम्रता और देश के लिए कुछ करने की चाह उन्हें कभी चैन से बैठने नहीं देगी।

 

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