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सरयू का जलस्तर कम होने से बाढ़ का दायरा घटा, गांवों में बीमारियां फैलीं, डीएम बोलीं- प्रशासन सक्रिय

सरयू नदी का जलस्तर घटने से बाढ़ का दायरा घट गया है। इसी के साथ गावों में बीमारियां बढ़ रही हैं। जिससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को सक्रिय किया गया है। बाढ़ से घिरे गांवों में अब तक डेढ़ हजार लोगों का इलाज किया गया है।

बाढ़ क्षेत्र में लगातार स्थिति सामान्य तो हो रही है लेकिन दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। गांव में पानी कम हो रहा है। जलस्तर घटने के कारण कटान भी हो रही है। खाली पड़ी जमीनों की कटान से लगातार नदी का दायरा बढ़ रहा है। अब तक तीन हजार बीघे से अधिक भूमि कटकर नदी में समा चुकी है। गोंडा और बाराबंकी की सीमा पर बसे गांव परसावल, नैपुरा, बेहटा, पारा, कमियार, माझा रायपुर में संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। बाराबंकी की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन गांवों में दवाओं का वितरण किया। इन गांवों के लोगों में खुजली, जलन, आंखों का लाल होना व सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी तेजी से फैल रही है।

गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि जनपद के काफी सारे गांव बाढ़ से प्रभावित हैं अभी अच्छी बात यह है कि बाढ़ का पानी कम हो रहा है। लेकिन इस पर जितने विभाग हैं उन्हें कार्रवाई करने की जरूरत है तो सभी टीमें हमारे समन्वय से प्रयास कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राशन भी काफी क्षेत्रों में बांटे गए हैं…निरंतर काम हो रहा है। जल निकासी का भी काम हो रहा है। रविवार को सरयू का जलस्तर घटकर खतरे के निशान से 29 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया। बांध की निगरानी कर रहे अवर अभियंता रवि वर्मा ने बताया कि लगातार डिस्चार्ज घट रहा है और जलस्तर भी गिरा है। नदी तटबंध की ओर तो बढ़ रही है लेकिन खतरे की कोई बात नहीं है। तरबगंज तहसील क्षेत्र में भी सरयू का जलस्तर तेजी से घट रहा है। बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित दत्तनगर व ब्यौंदा माझा के कई गावों को जाने वाले संपर्क मार्ग से रविवार को पानी घट गया। माझा क्षेत्र के खेतों व कुछ गांवों में अभी भी पानी भरा है।

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