अमेरिका की संलिप्तता के आरोप हास्यास्पद और गलत’, शेख हसीना के तख्तापलट पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय का बयान
अमेरिका ने बांग्लादेश की स्थिति को लेकर ताजा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से गलत है कि (अवामी लीग की नेता) शेख हसीना के इस्तीफे में अमेरिका का कोई हाथ था। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में हमें बहुत सी झूठी जानकारी देखने को मिली है। हम जानकारी और सत्यता को को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, खासकर हमारे दक्षिण एशिया के साझेदारों के साथ।
पटेल ने कहा, यह हास्यास्पद है। शेख हसीना के इस्तीफे में अमेरिका का हाथ होने का कोई भी आरोप गलत है। उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में मौजूदा घटनाओं के बारे में हाल के हफ्तों में बहुत सारी गलत जानकारी देखने को मिली है। हम क्षेत्रीय तंत्र में जानकारी और अखंडता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, खासकर दक्षिण एशिया में हमारे साझेदार के साथ।हाल ही में एक इंटरव्यू में अमेरिका के विदेश नीति विशेष और विल्सन सेंटर के साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने शेख हसीना की बर्खास्तगी को लेकर विदेशी दखल के आरोपों को खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने इन आरोपों के समर्थन में कोई विश्वसनीय सबूत नहीं देखा है। उन्होंने जिक्र किया कि हसीना सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई, जिससे आंदोलन और बढ़ गया। कुगेलमैन ने कहा, मेरा दृष्टिकोण बहुत सरल है। मैं इसे एक ऐसे संकट के रूप में देखता हूं जो पूरी तरह से आंतरिक कारणों से पैदा हुआ। यह छात्रों द्वारा चलाया गया आंदोलन था, जो एख विशेष मुद्दे से नाखुश थे। सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर असंतुष्ठ थे और सरकार को लेकर चिंतित थे। शेख हसीना सरकार ने छात्रों पर बहुत बड़ी कार्रवाई की, जिससे यह आंदोलन बड़ा हो गया। यह पूरी तरह से आंतरिक वजहों से प्रेरित था। कुगेलमैन ने शेख हसीना के बेटे साजीब वाजेद जॉय के विदेशी दखल के आरोपों को खारिज किया। जॉय ने कहा था कि प्रदर्शन के पीछे विदेशी हस्तक्षेप था। कुगेलमैन ने कहा कि अशांति आंतरिक कारणों से प्रेरित थी। उन्होंने कहा, जब कोई साजिश का सिद्धांत विदेशी प्रभाव से जुड़ी समस्याओं पर आधारित होता है, तो ऐसे आरोपों को न तो पूरी तरह से खारिज किया जा सकता है और न ही सिद्ध किया जा सकता है।