कैंसर की दवा अब होगी सस्ती, सरकार ने किया एलान
नई दिल्ली। राहत भरी खबर आई है, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कैंसर की दवा अब सस्ती हो जाएगी। उन्होंने बताया कि, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्री समूह (जीओएम) और रियल एस्टेट पर गठित जीओएम ने अपनी स्थिति रिपोर्ट को सौंप दी है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर स्थिति प्रस्तुत की गई है।
सीतारमण ने कहा कि 6 महीनों में ऑनलाइन गेमिंग से राजस्व 412 फीसदी बढ़कर 6909 करोड़ रुपये हो गया है। सीतारमण ने राजधानी नई दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद ने कैंसर की दवाओं पर जीएसटी की दर को 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किया है, जबकि नमकीन पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि अब केंद्र और राज्य से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटीज और रिसर्च सेंटर को ग्रांट लेने पर जीएसटी नहीं चुकाना होगा।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि परिषद की बैठक में दो नए मंत्रियों का समूह (जीओएम) गठित किया गया है। इसमें एक जीएमओ चिकित्सा और स्वास्थ्य बीमा पर गठित किया गया है।
ये जीओएम बिहार के उप-मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दर युक्तिकरण जीओएम होगा, लेकिन इस सीमित उद्देश्य के लिए नए सदस्यों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने उनसे कहा है कि वे इस मामले को देखेंगे और अक्टूबर 2024 के अंत तक एक रिपोर्ट लेकर आएंगे। नवंबर में होने वाली जीएसटी परिषद इस रिपोर्ट के आधार पर अंतिम निर्णय लेगी जो कि जीओएम से आएगी
सीतारमण ने कहा कि मार्च 2026 के बाद आने वाले क्षतिपूर्ति उपकर के मुद्दे पर विचार करने के लिए भी मंत्री समूह का गठन किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि आईजीएसटी (एकीकृत जीएसटी) पर अतिरिक्त सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति बनाई जाएगी। इसमें वर्तमान में असंतुलन की स्थिति है। यह राज्यों से राशि वापस लेने के तरीकों पर गौर करेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक की अध्यक्षता की। वित्त मंत्री के साथ-साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, गोवा और मेघालय के मुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानसभा सहित) के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी तथा वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे