पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति पहुंचे रूस, सेंट पीटरवर्ग यूनिवर्सिटी के साथ किया करार, भेड़ और घोड़ों की क्लोनिंग पर होगा काम।।
पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान जोकि दो सप्ताह से रूस के दौरे पर है, के द्वारा सेंट पीटर्सबर्ग यूनिवर्सिटी के साथ करार पर हस्ताक्षरित किया गया वहीं पर 27 सितम्बर 2024 को मास्को के दो विश्वविद्यालयों मास्को स्टेट एकेडमी आफ वेटेनेरी मेडिसिन एण्ड बायोटेक्नोलाॅजी तथा रसियन स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, मास्को के साथ पशु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में तकनीकी शोध एवं शिक्षा के आदान-प्रदान हेतु एमओयू पर सहमति हुई। एमओयू हेतु पंतनगर विश्वविद्यालय से कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान की अध्यक्षता में चार-सदस्यीय वैज्ञानिकों का प्रतिनिधिमंडल मास्को पहुंचा। मास्को स्टेट एकेडमी आफ वेटेनेरी मेडिसिन एण्ड बायोटेक्नोलाॅजी की ओर से रेक्टर डा. पी सरजी ब्लाडेमेरोविच, डीन ऑफ फैकल्टी मॉस्को वेटेरिनरी एकेडमी डा. अब्रामोव पावेल, डा.अलेक्जेंडर ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और एकेडमी में चल रहे शोध कार्यों का भ्रमण कराया तथा शोध कार्यों में मुख्य रूप से घोड़ों पर चलाएं जा रहे शोध कार्य, जंगली भेड़ और रोमेनो को प्रजनन कराकर भ्रूण प्रत्यारोपण से प्राप्त भेड़, वेटेरिनरी क्लीनिक्स के अंतर्गत सर्जरी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग एवं जेनेटिक रिसोर्स लैब, आदि के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस एमओयू से शोध के क्षेत्र में नए परिणाम सामने आएंगे।
पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. चौहान ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की प्रगति एवं हरित क्रांति के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के योगदान एवं वैश्विक स्तर पर उसके स्थान से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस आजादी के समय से ही अच्छे मित्र रहे है और वर्तमान में दोनो देश तकनीकी और वैज्ञानिकों के हस्तांतरण के माध्यम से और अच्छा काम करेंगे जिससे दोनों विश्वविद्यालय और देशों को उत्पादन और उत्पादकता के क्षेत्र में लाभ होगा। विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए विशेष रूप से पशु चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न महत्वपूर्ण शोध पहलुओं जैसे एनिमल क्लोनिंग, ओवम पिकअप तकनीक, जीन कैरेक्टराइजेशन, वैक्सीन उत्पादन आदि आपसी सहयोग के मुख्य क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा इस एमओयू से दोनों देशों के वैज्ञानिक एवं शोध छात्र विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त रूप से कार्य कर दोनों देशों के प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
इस चार सदस्यीय दल में कुलपति डा. चौहान के साथ डा. शिवा प्रसाद, डा. के.पी रावेरकर एवं डा. एस.सी. त्रिपाठी, एवं डा. ज्योति प्रसाद शामिल है।
डा. जे.पी. जायसवाल निदेशक संचार ने बताया कि कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान की रूस की दो सप्ताह की यात्रा बहुत सफल रही है। उनकी इस यात्रा में एक नहीं बल्कि रूस के तीन विश्वविद्यालयों के साथ पशु चिकित्सा विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी तथा कृषि में शोध एवं प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने के लिए करार एवं सहमति पत्र हस्ताक्षरित किए गए हैं।