वीरा राणा की विदाई के लिए आईएएस एसोसिएशन तैयार, पीएमओ की पसंद से आएंगे अनुराग जैन, नहीं आए तो, संघ की पसंद से आएंगे एसएन मिश्रा, और ऐसा नहीं हुआ तो डॉ. मोहन यादव की पसंद से डॉ. राजौरा बनेंगे मुख्य सचिव
मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव 1988 बैच की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्रीमती वीरा राणा की सेवावृद्धि पर विराम लग चुका है इसलिए मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने अब नए मुख्य सचिव की नियुक्ति के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं है। नए विकल्प की संभावनाओं पर सबसे पहले प्रधानमंत्री सचिवालय के विश्वसनीय नौकरशाह 1989 बैच के अनुराग जैन का नाम इस खबर को लिखने तक जोरों से चल रहा है, यूं कहा जाए कि, पीएमओ के पसंदीदा उम्मीदवार मप्र के नए मुख्य सचिव अनुराग जैन की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन, 2025 में रिटायर होने वाले अनुराग जैन ने अब आगे शासन की सेवा करने के लिए अनइच्छा जाहिर कर दी है और अब ऐसी स्थिति में स्वाभाविक है कि मप्र में उपलब्ध वरीयता के आधार पर किसी योग्य नौकरशाह को आज मप्र का मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया जाएगा। इधर आईएएस एसोसिएशन ने आज शाम मुख्य सचिव वीरा राणा को विदाई देने की तैयारी इस खबर की पुष्टि के बाद कर ली है कि उन्हें दूसरी बार सेवावृद्धि नहीं मिलने वाली है क्योंकि खबर लिखने तक मुख्यमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री सचिवालय को श्रीमती राणा की सेवावृद्धि के लिए कोई पत्राचार नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में संघ के पंसदीदा नौकरशाह 1990 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसएन मिश्रा को संभावित मुख्य सचिव माना जा रहा है लेकिन चार महीने के बाद एसएन मिश्रा को फिर से सेवा वृद्धि देने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री सचिवालय को भेजा जाएगा, लेकिन संभवत: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्णय लिया है कि, एसएन मिश्रा के अनुभवों का भरपूर उपयोग उनके रिटायर होने के बाद भी किया जाए और इसी के चलते एसएन मिश्रा नर्मदा वैली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए आरक्षित माने जा रहे है। मतलब ऐसी स्थिति में यदि एसएन मिश्रा को मुख्य सचिव नहीं बनाया जाएगा तो फिर मुख्यमंत्री के पास एकमात्र विकल्प कौन होगा…? इस सवाल के उत्तर में यह लिखे जाने में संकोच नहीं है कि, 1990 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सर्वाधिक पसंदीदा नौकरशाह हैं जिनकी कार्यशैली को मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री सचिवालय में अपने पास रखकर अच्छी तरह समझ लिया है। इसलिए इस विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि, प्रधानमंत्री की पसंद से मप्र का नया मुख्य सचिव अनुराग जैन सबसे ऊपर हैं और जिस तरह की सूचनाएं है उसके अनुसार यदि अनुराग जैन अपनी अनिच्छा की वजह से मुख्य सचिव नहीं बनते हैं तो ऐसा दशा में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नजदीक एकमात्र नौकरशाह एसएन मिश्रा बाजी मार सकते हैं, परन्तु एसएन मिश्रा के 4 महीने बाद का रिटायरमेंट उन्हें मुख्य सचिव बनने की संभावनाओं से दूर रख सकता है, तब ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री के पसंदीदा एकमात्र नौकरशाह डॉ. राजेश राजौरा ही नए मुख्य सचिव बनकर आज 5 बजे कार्यभार ग्रहण कर लें तो चौंकिएगा मत।