मुरैना महापौर शारदा सोलंकी को हाईकोर्ट से राहत, एक महीने तक एफआईआर पर स्टे
मुरैना। हाईस्कूल की फर्जी अंकसूची मामले में फंसी मुरैना महापौर शारदा सोलंकी को ग्वालियर हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने महापौर के खिलाफ एफआइआर के आदेश पर एक महीने का स्टे दिया है। 30 जून को जिला न्यायालय ने महापाैर सोलंकी पर 7 अक्टूबर तक एफआईआर करने के निर्देश सिविल लाइन थाने को दिए थे। इस आदेश के खिलाफ महापौर शारदा सोलंकी ने ग्वालियर हाईकोर्ट में रिट पिटीशन लगाई, जिस पर उन्हें स्टे मिला है।
नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी रहीं मीना मुकेश जाटव ने महापौर शारदा सोलंकी की अंकसूची और उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए कोर्ट में याचिका लगाई थी।महापौर के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ लगी याचिका को जिला कोर्ट ने 9 मई 2024 को खारिज कर दिया था, लेकिन 10वीं की अंकसूची मामले में महापौर फंस गईं।
दरअसल, महापौर शारदा सोलंकी ने साल 1986 में पिनाहट के सर्वाेदय विद्या मंदिर स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास होना बताया, उस स्कूल में कभी उनका दाखिला ही नहीं हुआ।
जिस रोल नंबर 1009025 से महापौर 10वीं की अंकसूची है, उस अंकसूची को उप्र के इलाहाबाद माध्यमिक बोर्ड ने सूचना के अधिकार के तहत दी जानकारी में किसी नरोत्तम पुत्र भानजीत नाम के छात्र का बताया है, जो उस साल परीक्षा में नहीं बैठा और सभी विषयों में फेल हुआ था।