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जबलपुर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को मिली हाईकोर्ट से राहत, अब बिना अनुमति नहीं होगा केस दर्ज

जबलपुर मध्य प्रदेश के जबलपुर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर बदमाश अब्दुल रज्जाक उर्फ पहलवान के खिलाफ अब हाईकोर्ट के आदेश के बिना पुलिस किसी भी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं कर सकेगी। अब्दुल रज्जाक की पत्नी सुबीना बेगम ने हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि उसके पति के खिलाफ पूर्व मंत्री द्वारा व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के चलते लगातर मामले दर्ज करवाए जा रहे हैं, ताकि पति की जेल से रिहाई न हो पाए। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर पुलिस को आदेश दिया है कि अब कोर्ट के आदेश के बिना अब्दुल रज्जाक पर कोई भी नया केस दर्ज नहीं किया जाए। (History Sheeter Abdul Razzaq)

व्यावसायिक द्वेष के चलते पूर्व मंत्री के इशारे पर दर्ज हो रहे मामले

जबलपुर के बेहद ही कुख्यात बदमाशों में शामिल अब्दुल रज्जाक उर्फ पहलवान की पत्नी सुबीना बेगम ने पति के खिलाफ लगातर दर्ज हो रहे मामलों और जेल से रिहाई में हो रही अड़चनों पर हाईकोर्ट की शरण ली है। सुबीना बेगम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि एक पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा व्यापारिक प्रतिस्पर्धा, राजनीतिक दुर्भावना के चलते उसके पति अब्दुल रज्जाक उर्फ पहलवान पर लगातार FIR दर्ज की जा रही है। अब्दुल रज्जाक पर साल 1991 से अब 42 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 22 मामले तो उसके जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए हैं। इनमें 20 मामलों में न्यायालय के द्वारा उनके पति को बरी (दोष मुक्त) कर दिया गया है, जबकि 21 मामलों की सुनवाई लंबित है।

जमानत पर रिहाई से पहले नया केस दर्ज करवाने का आरोप

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डबल बैंच में अब्दुल रज्जाक की पत्नी याचिका दायर की थी जिसपर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता सुबीना बेगम के वकील मोहम्मद अली ने कोर्ट में बताया कि साल 2021 से अब्दुल रज्जाक जेल में बंद है। अब उसकी जमानत पर रिहाई होने वाली होती है, इसी दरम्यान पूर्व मंत्री के इशारे पर फिर से कोई न कोई पुराने अपराधों के सिलसिले में फर्जी तरीके से कोई नए मामले दर्ज करवा दिए जाते हैं। यही वजह है कि अब्दुल रज्जाक को जेल से रिहाई नहीं मिल पा रही है। याचिका में झूठे आपराधिक केस दर्ज होने पर रोक की मांग के साथ, पूर्व में दर्ज कराए गए मामलों को खारिज करने की मांग की गई है।

 

कोर्ट की अनुमति के बिना दर्ज नहीं होगा नया केस

बता दें कि, ओमती थाना के हिस्ट्रीशीटर कुख्यात बदमाश अब्दुल रज्जाक उर्फ पहलवान के खिलाफ लगातार दर्ज हो रहे केस से संबंधित पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डबल बैंच ने उप महाधिवक्ता को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि याचिका की सुनवाई तक अब्दुल रज्जाक के खिलाफ कोई भी नई शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ सीधे FIR दर्ज नहीं होगी, बल्कि केस दर्ज करने से पहले कोर्ट अनुमति मिलने पर ही नया केस दर्ज किया जा सकेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को होगी।

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